ओडिशा ने फिर लिखा पत्र- ‘सुंदरी’ को वापस ले जाएं

ओडिशा ने फिर लिखा पत्र- ‘सुंदरी’ को वापस ले जाएं

भोपाल। दो साल पहले ओडिशा के सतकोसिया टाइगर रिजर्व भेजी गई सुंदरी नाम की बाघिन को लेकर उड़ीसा और मप्र सरकार में फिर टसल हो गई है। ओडिशा ने इस आदमखोर बाघिन को वापस ले जाने के लिए मप्र सरकार को पत्र लिखा है। वन विभाग ने सरकार से मार्गदर्शन मांगा है। सतकोसिया टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या शून्य होने के बाद केंद्र सरकार के निर्देश पर 28 जून 2018 को मप्र से दो बाघ वहां भेजे गए थे। कान्हा से एमपी-2 नर बाघ और बांधवगढ़ से सुंदरी नाम की बाघिन को वहां भेजा गया था। चार बाघों को और भेजा जाना था। हालांकि वहां के ग्रामीण और मप्र के वन्य विशेषज्ञों ने इसका विरोध किया था। दोनों बाघों को ओडिशा का माहौल रास नहीं आया। सुंदरी वहां जाकर आक्रामक हो गई। उसने सतकोसिया के आसपास दो ग्रामीणों को अपना शिकार बना लिया। ग्रामीणों ने उस पर हमला कर दिया। इसके बाद सुंदरी को क्वारेंटाइन कर दिया गया। इधर, सतकोसिया में बाघों का कुनबा नहीं बढ़ा, लेकिन सुंदरी ने ओडिशा सरकार की मुसीबत बढ़ा दी। इसके बाद वहां की सरकार राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) और मप्र सरकार को सुंदरी को वापस ले जाने के लिए कई पत्र लिख चुकी है। इधर, मप्र के वन विभाग के अधिकारी बाघिन सुंदरी को वापस लाने के पक्ष में नहीं है। उनका तर्क है कि वहां बाड़े में बंद होने से उसका स्वभाव काफी कुछ बदल गया होगा। ऐसे में उसे यहां लाकर दोबारा जंगल में नहीं छोड़ा जा सकता है।