4.24 लाख में सिर्फ 18 हजार युवाओं को मानदेय, बंद होगी स्वाभिमान योजना

भोपाल । प्रदेश में बेरोजगारी की समस्या से निपटने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री कमल नाथ द्वारा शुरू की गई युवा स्वाभिमान योजना दम तोड़ रही है। पिछले पांच माह से पात्र युवाओं को चार हजार रुपए मासिक मिलना बंद है। अब तक 18,396 हितग्राहियों को 12 करोड़ रुपए मानदेय बांटा गया है, जबकि 4.24 लाख युवाओं ने रोजगार मांगा। सूत्रों की मानें तो भाजपा सरकार योजना को कभी भी बंद कर सकती है, क्योंकि विपक्ष में रहते हुए शिवराज सिंह चौहान ने योजना को निशाने पर लिया था। युवा स्वाभिमान योजना कांग्रेस के वचन पत्र में है। इसका शुभारंभ 22 फरवरी 2019 को कमल नाथ ने किया था। योजना का उद्देश्य नगरीय क्षेत्र के युवाओं को व्यावसायिक कौशल प्रशिक्षण देकर क्षमता संवर्धन करना है। कांग्रेस सरकार की मंशा थी कि तात्कालिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए 21 से 30 साल तक के शहरी नौजवानों को 100 दिन का रोजगार दिया जाएगा। साथ ही 4 हजार रुपए मासिक मानदेय (तीन किश्तों में) भी दिया जाना था, लेकिन कई व्यावहारिक दिक्कतों के कारण इसे बंद किया जा सकता है।
सत्ता जाने के पहले पांच हजार कर दिया था मानदेय
कमल नाथ की प्राथमिकता में शामिल युवा स्वाभिमान योजना को आगे बढ़ाने के लिए सरकार ने इसी जनवरी में मासिक मानदेय चार हजार से बढ़ाकर 5000 रुपए कर दिया। इसमें भी शर्त थी कि यह 16,500 से अधिक नहीं होगा। भाजपा की सरकार बनने के बाद से योजना ठप है। भाजपा सरकार इस योजना को बंद कर रही है। इसके लिए शासन स्तर पर मंथन चल रहा है।
ये आए परिणाम
योजना प्रदेश के 166 नगरीय निकायों में ही संचालित हो पाई। इन निकायों के अंतर्गत 4.24 लाख हितग्राहियों का पंजीयन किया गया, लेकिन कुल 38 ट्रेड में 1984 बैचेज में 19,932 हितग्राही ही प्रशिक्षण प्राप्त कर सके।
निकायों में पंजीयन और रोजगार (जनवरी 2020 तक )
जिला पंजीयन रोजगार मिला
भोपाल 18092 527
जबलपुर 12296 1316
उज्जैन 4201 303
ग्वालियर 9000 120
मंदसौर 1556 313
नीमच 503 218
इलेक्ट्रिकल की डिग्री, ट्रेनिंग सिलाई की दे रहे थे
मैंने पढ़ाई इलेक्ट्रिकल से की है, लेकिन बात जब ट्रेनिंग की आई, तो सिलाई सेंटर और मोबाइल रिपेयरिंग में से किसी एक ट्रेड में ट्रेनिंग के लिए कहा गया। इसलिए छोड़ दिया। अरुण मिश्रा नीलबड़, भोपाल
शासन स्तर का मामला है
युवा स्वाभिमान योजना फिलहाल कोरोना के कारण आगे नहीं बढ़ पाई। योजना को बंद या चालू करना शासन स्तर पर तय होगा। कोरोना के कारण प्रभाव पड़ा है। पी.नरहरि, आयुक्त नगरीय प्रशासन
सीएम कौशल संवर्धन योजना
1 लाख में सिर्फ 8 हजार युवा जुड़े इधर, मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना फ्लॉप हो रही है। कौशल विकास विभाग के अंतर्गत हर वर्ष ढाई लाख युवाओं को प्रशिक्षित किया जाना है, जबकि महिलाओं के लिए कौशल्या योजना है। इसमें दो लाख महिलाओं को हर वर्ष जोड़ना है। योजना के अंतर्गत तीन साल में सिर्फ 1 लाख युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया, लेकिन रोजगार 8 हजार को ही मिला। इनमें कॉन्ट्रैक्ट सुपरवाइजर, ऑफिस असिस्टेंट, कम्युनिटी रिसोर्स पर्सन (स्व सहायता समूह की महिलाएं), स्वच्छता सहायक, आईईसी कम्युनिटी मोबलाइजर आदि शामिल है।
कौशल विकास में नई योजना नहीं, रोजगार कम मिला
विभिन्न रोजगार कार्यालयों में 30 लाख से ज्यादा युवाओं का पंजीयन है। कौशल संवर्धन योजना में तीन साल में करीब एक लाख युवाओं को ट्रेनिंग दी गई। इसके आठ हजार युवाओं को लाभ मिला है। फिलहाल युवाओं के लिए कोई नयी योजना आने की संभावना नहीं है। एस.धनराजू संचालक कौशल विकास