ओरछा का महल, देश की 120 महान शख्सियतों के फोटो कलेक्शन में समाया दो हजार साल का इतिहास
प्रदेश के सबसे बडेÞ 1500 सीटर ऑडिटोरियम रवीन्द्र सभागम केंद्र में आने वाले दर्शकों को देश की सांस्कृतिक और संगीत की विरासत से रूबरू होने का मौका मिलेगा। विरासत के साथ संगीत की अनूठी धरोहर से आम लोगों को रूबरू करवाने के लिए संस्कृति विभाग ने यहां दो म्यूरल्स तैयार कराए हैं। दर्शक इनके माध्यम से महान संगीतकारों के जीवन काल को जान सकेंगे। इसके अलावा ओरछा का राजा राम मंदिर को भी देख सकेंगे।
मप्र के विश्व प्रसिद्ध मैहर बैंड
ये म्यूरल्स हंसध्वनी सभागृह के बाहर तैयार किए गए हैं। एक म्यूरल पर संगीत सम्राट तानसेन को उनके गुरु स्वामी हरिदास से संगीत की शिक्षा प्राप्त करते हुए दशार्या गया है। वहीं, दूसरी ओर लगे म्यूरल पर मप्र के विश्वप्रसिद्ध मैहर बैंड को उकेरा गया है। शास्त्रीय संगीत की दुनिया में मैहर बैंड पहला बैंड है। यह अकेला ऐसा बैंड है जिसके पास बंदूक की नाल से संगीत लहरियां छेड़ने का अनोखा साज है। दोनों ही म्यूरल मप्र के संगीत की गौरव गाथा के साथ सुदीर्घ विरासत को भी बयां कर रहे हैं। साथ ही नायाब कारीगरी से भी परिचित करा रहे हैं। संगीत से जुड़ीं हस्तियों के म्यूरल नोएडा की एक कंपनी ने तैयार किए हैं। ये करीब 40 फीट लंबे और 10 फीट ऊंचे हैं।
दीवार पर ओरछा के महल की कहानी
ओरछा के महल में जगह-जगह पर राय प्रवीण की अलग अलग मुद्राओं में आकर्षित पेंटिंग्स बनी हैं। जिसे रवींद्र सभागम केंद्र में म्यूरल आर्ट के माध्यम से दिखाने की कोशिश की है। इसमें राजा का वित्तीय चित्र बनाया है। साथ ही नृत्यांगना राय प्रवीण की नृत्य की विभिन्न मुद्राओं को दिखाया है। इस बनाने में एक महीने का समय लगा है।
दो माह में तैयार किया फोटो कोलाज
रवीन्द्र भवन की कायार्लाय प्रमुख वंदना जैन ने बताया कि दोनों ही म्यूरल के बीच की दीवार पर मूर्धन्य कलाकारों-साहित्यकारों के फोटो का कोलाज लगाया गया है। इस अलग और नए प्रयोग के तहत देशभर के ऐसे महानतम 120 कलाकारोंसाहित् यकारों के फोटो को शामिल किया है। इनमें तानसेन, राजा विक्रमादित्य, कृष्ण राव शंकर पंडित, एमएस सुब्बुलक्ष्मी, बिरजू महाराज, बाणभट्ट, महावीर प्रसाद द्विवेदी, मैथिलीशरण गुप्त, कबीरदास, मीरा बाई, शंकराचार्य और भवभूति जैसी हस्तियों के फोटो शामिल हैं।