पुराने संसद भवन में आखिरी दिन बदले नजर आए पीएम, नेहरू से लेकर इंदिरा की तारीफ
आज से नए भवन ‘सेंट्रल विस्टा’ में लगेगा संसद का विशेष सत्र

नई दिल्ली। 18 जनवरी, 1927 को बने संसद भवन में सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 50 मिनट का संबोधन दिया। इस दौरान उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्रियों पं. जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी से अब तक हुए बदलाओं का उल्लेख किया। यह पुरानी संसद में कार्यवाही का आखिरी दिन था। मंगलवार से संसद नए भवन ‘सेंट्रल विस्टा’ में लगेगी। केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है, जिसमें 5 बैठकें होंगी। पीएम ने इस दौरान पूर्व प्रधानमंत्रियों को याद करते हुए कहा कि ये वो सदन है, जहां पं. नेहरू जी के ‘स्ट्रोक आॅफ मिडनाइट’ की गूंज हम सबको प्रेरित करती है। लाल बहादुर शास्त्री जी ने 1965 के युद्ध में देश के सैनिकों का हौसला इसी सदन से बढ़ाया था। इंदिरा गांधी के नेतृत्व में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम का आंदोलन भी इसी सदन ने देखा था। सदन ने ‘कैश फॉर वोट’ और ‘अनुच्छेद 370’ को भी हटते देखा है। वन नेशन वन टैक्स, जीएसटी, वन रैंक वन पेंशन, गरीबों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण भी इसी सदन ने दिया। विपक्षी दलों के नेताओं ने पीएम द्वारा पूर्व प्रधानमंत्रियों की तारीफ करने की प्रशंसा की। दूसरी ओर, विपक्षी पार्टियों ने विशेष सत्र में 9 मुद्दों की सूची तैयार की है।
प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन की खास बातें
- पहली बार एक सांसद के रूप में इस भवन में मैंने प्रवेश किया, तो सहज रूप से मैंने संसद भवन की चौखट पर अपना शीश झुका दिया। मैं कल्पना नहीं कर सकता, लेकिन भारत के लोकतंत्र की ताकत है कि रेलवे प्लेटफॉर्म पर गुजारा करने वाला एक बच्चा पार्लियामेंट पहुंचता है।
- परिवार भी अगर पुराना घर छोड़कर नए घर जाता है तो बहुत सारी यादें उसे कुछ पल के लिए झकझोर देती हैं। हम इस सदन को छोड़कर जा रहे हैं, तो हमारा मन मस्तिष्क भी उन भावनाओं से भरा हुआ है।
- हमारे पूर्व प्रधानमंत्रियों ने सदन के माध्यम से देश को दिशा दी है। देश को नए रंग रूप में ढालने के लिए उन्होंने परिश्रम किया है, पुरुषार्थ किया है।
- शुरुआत में महिला सदस्यों की संख्या कम थी, धीरे-धीरे उनकी संख्या बढ़ी। प्रारंभ से अब तक 7,500 से अधिक प्रतिनिधि दोनों सदनों में आ चुके हैं। इस कालखंड में करीब 600 महिला सांसद आर्इं।
- हमारे यहां संसद भवन के गेट पर लिखा है, जनता के लिए दरवाजे खोलिए और देखिए कि कैसे वो अपने अधिकारों को प्राप्त करते हैं।
- 2001 में संसद पर हमला इमारत पर नहीं, बल्कि हमारी जीवात्मा पर हमला हुआ था। ये देश उस घटना को कभी नहीं भूल सकता।
केंद्रीय मंत्री ने कहा- महिला विधेयक को कैबिनेट में मंजूरी, 1 घंटे बाद पोस्ट हटाई
केंद्रीय राज्य मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने सोमवार को कहा कि मंत्रिमंडल ने महिला आरक्षण विधेयक को मंजूरी दे दी है, लेकिन उन्होंने एक घंटे के भीतर ही अपना यह पोस्ट सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ से हटा दिया। मंत्रिमंडल की बैठक में क्या चर्चा हुई, इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन ये अटकलें लगाई जा रही हैं कि इसमें महिला आरक्षण विधेयक को मंजूरी दी गई है। इधर, कांगे्रस ने इस पोस्ट के बाद सरकार के कैबिनेट के फैसले का स्वागत करते हुए बधाई दे दी।
पीएम ने कुछ बहुत अच्छी बातें कहीं। लेकिन, उन्होंने कुछ ऐसी बातें नहीं कीं, जो उन्हें कहनी चाहिए थीं। उन्होंने मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान लोगों को दिए गए सूचना के अधिकार कानून, खाद्य सुरक्षा, मनरेगा का कोई जिक्र नहीं किया। - शशि थरूर, कांग्रेस नेता