धान उपार्जन के लिए देना पड़ रही धान और नगद चढ़ोत्तरी

धान उपार्जन के लिए देना पड़ रही धान और नगद चढ़ोत्तरी

जबलपुर। कभी धान की क्वालिटी को सवाल उठ रहे हैं, तो कभी धूप में धान सुखाने पर चमक जाने के आरोप लग रहे हैं। मंडी में पहुंच रहे किसानों को कुछ इस तरह का सामना करना पड़ रही है। यही वजह है कि धान उपार्जन के लिए धान और नगद चढ़ोत्तरी देना पड़ रही है। जिले में मंडी के अलावा सोसायटियों में यही हाल हैं और किसान बेबस होकर पल्लेदारों तक की बात मानने मजबूर हैं।

गौरतलब है कि फसल की बम्पर पैदावार के बाद किसान उपार्जन केंद्र में सरलता एवं नि: शुल्क धान तुलवाने के लिए बहुत परेशान है। धान लेकर वेयरहाउस पहुंच रहे किसानों से प्रति क्विंटल पर 1 किलो धान और नगद 40 से 50 रूपए की डिमांड से मौके पर रोज तनातनी की स्थिति बन रही है। प्रशासन द्वारा निर्धारित 40 किलो 800 ग्राम की बोरी में वेयरहाउस वाले 41 किलो 300 ग्राम की तोल करा रहे हैं। धान में नमी के नाम पर प्रति बोरी में 500 ग्राम की अधिक तोल होने के बाद किसान कुछ बोलने की स्थिति में नहीं है।

हो रही मनमानी

शासकीय खरीदी में पल्लेदारी शासन के द्वारा केंद्र प्रभारियों तक भेजी जाती है, लेकिन किसानों से 5 रूपए बोरी के हिसाब से पल्लेदारी ली जा रही है। किसान का प्रति क्विंटल 12 रुपए 50 पैसे पल्लेदारी देना पड़ रही है। वेयरहाउस में अव्यवस्था के आलम के बीच किसान जल्द से जल्द धान तुलाने के लिए 40 से 50 रूपए खर्च कर रहा है।

12 हजार किसानों से हुई खरीदी

प्रशासन ने अब तक अब तक 12 हजार किसानों से खरीदी गई 1 लाख 42 हजार 698 मीट्रिक टन धान खरीद ली है। फिलहाल इस स्थिति में प्रशासन द्वारा किसानों से आग्रह किया जा रहा है कि स्लॉट बुक करने के बाद ही खरीदी केंद्रों पर धान ले कर आएं। दरअसल निरीक्षण के बाद सामने आई हकीकत के चलते किसानों से आग्रह भी किया गया कि वे स्लॉट बुक करने के बाद ही अपनी धान निर्धारित खरीदी केन्द्र में लेकर पहुँचे, ताकि उन्हें धान का परिदान करने में किसी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े। जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक कमलेश तांडेकर के अनुसार खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में जिले में अभी तक 11 हजार 908 किसानों से समर्थन मूल्य पर 1 लाख 42 हजार 698 मीट्रिक टन धान की खरीदी की जा चुकी है। किसानों को किसी तरह की असुविधा न हो तथा वास्तविक किसानों से ही धान का उपार्जन हो इसके लिये खरीदी केंद्रों का अधिकारियों द्वारा निरतंर निरीक्षण किया जा रहा है।