अस्पतालों में बढ़े मरीज, एडवाइजरी जारी

अस्पतालों में बढ़े मरीज, एडवाइजरी जारी

ग्वालियर। अप्रैल का महीना समाप्ति की ओर है और गर्मी का प्रकोप दिनों-दिन बढ़ता ही जा रहा है। दिन में अच्छी खासी गर्मी पड़ रही है, ऐसे में गर्मी के बढ़ते ही अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है, लोगों में उल्टी-दस्त के साथ ही बुखार की शिकायत अधिक देखने को मिल रही है। कुछ मरीजों को अस्पताल में एडमिट करने की आवश्यकता पड़ रही है। सरकारी अस्पतालों के साथसाथ प्राइवेट क्लिनिकों पर अच्छी खासी संख्या में मरीज पहुंच रहे हैं और डॉक्टर्स के मुताबिक मेडिसिन व पीडियाट्रिक्स डिपार्टमेंट में जितने मरीज आ रहे हैं उनमें 35 से 40 फीसदी मरीज इन्हीं बीमारियों से पीड़ित होकर आ रहे हैं।

जेएएच के पीडियाट्रिक्स विभाग के डॉक्टर्स की मानें तो बच्चों में डायरिया की अधिक शिकायत देखने को मिल रही है, जिसमें बच्चों को दस्त के साथ पेट दर्द की शिकायत हो रही है, कई बच्चों को एडमिट कर ड्रिप लगानी पड़ रही है। आने वाले दिनों में गर्मी के तेवर और तीखे होने वाले हैं, ऐसे में सावधानी बरतने पर ही बीमार होने से बचा जा सकता है।

तरल पदार्थों का करें अधिक सेवन, ताजा भोजन खाएं

सीएमएचओ द्वारा जारी एडवाइजरी के मुताबिक गर्मी के मौसम में खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए, इसके साथ ही तरल पदार्थों का अधिक सेवन करना चाहिए और शरीर में पानी की कमी नहीं होनी चाहिए, इसके साथ ही ताजा भोजन का सेवन करना चाहिए। सीएमएचओ डॉ. आरके राजौरिया ने बताया कि तेज धूप और गर्मी में ज्यादा देर तक रहने के कारण शरीर में पानी और खनिज प्रमुखता नमक की कमी हो जाती है। शरीर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या 104 फारेनहाइट, उल्टी आना, बहुत तेज सिरदर्द, मांसपेशियों में कमजोरी या ऐंठन, सांस फूलना या दिल की धड़कन तेज होना, घबराहट होना, चक्कर आना, बेहोशी और हल्का सिरदर्द जैसे लक्षण लू के हैं। लू से बचाव के लिए पानी अधिक मात्रा में पियें, तरल पेय पदार्थ जैसे छाछ, लस्सी, मट्ठा, फलों के जूस का सेवन अधिक करें। बच्चे, बुजुर्ग एवं बीमार व्यक्ति दोपहर में घर से बाहर कम निकलें। अगर जरूरी है तो धूप में निकलने से पहले सिर एवं कानों को अच्छी तरह से ढक लें। गर्मी के दौरान नरम, मुलायम ढीले सूती कपड़े पहनना चाहिए।

इन दिनों गर्मी की वजह से बच्चों में डायरिया यानि की उल्टी-दस्त के केस आ रहे हैं, ओपीडी में आने वाले रोगियों में से कुछ को भर्ती करने की जरूरत पड़ रही है। बच्चों को डायरिया होते ही ओआरएस का घोल शुरू कर दें, शरीर में पानी की कमी नहीं होने दें। डॉ. अजय गौड़, एचओडी पीडियाट्रिक्स विभाग