फैमिली का साथ पाया तो पेट्स को भी हुआ इमोशनल अटैचमेंट

फैमिली का साथ पाया तो पेट्स को भी हुआ इमोशनल अटैचमेंट

कोरोना वायरस की वजह से लोगों का बहुत सारा समय परिवार के साथ तो बीत ही रहा है, साथ ही वे अपने पेट्स को भी टाइम दे पा रहे हैं। लंबे समय से घर पर ही रहने पर एंग्जाइटी से बचने के लिए उनके पेट्स ने स्ट्रेस बस्टर का काम किया और उनके साथ घंटों टाइम स्पेंड कर एक इमोशनल बॉन्डिंग क्रिएट हुई। इस लॉकडाउन के दौरान कुछ लोग ऐसे भी रहे हैं, जिन्होंने स्ट्रीट डॉग्स का सहारा बनकर भी आगे आए उनके खाने की व्यवस्था भी की। आईएम भोपाल ने ऐसे ही शहर के लोगों से बात कर जाना कैसे उन्होंने इस लॉकडाउन में अपने पेट्स के लिए खाने का इंतजाम और पेट्स ने कैसे स्ट्रेस बस्टर का काम किया।

पर्शियन कैट के लिए लाई थी फिश बिस्किट्स

मेरे पास पर्शियन कैट है। वह अपनी ही मस्ती में मग्न रहती है। मैंने मार्केट से लॉकडाउन लगने से पहले ही कैट बिस्किट फिश पाउच ले आई थी। इसे यही खिलाया जाता है। महीने भर में करीब 2 से 3 किलो तक खा सकती है। साथ ही मेरे लिए मेरी कैट ने स्ट्रेस बस्टर का काम भी किया। लॉकडाउन के दौरान जब भी मुझे एंग्जाइटी फील होती थी, घर से बाहर जाना है, तब कैट के साथ टाइम स्पेंड करना अच्छा लगता था। मेरा लगभग पूरा दिन मेरी कैट के साथ कट जाता था। कैट से बहुत ज्यादा अटैचमेंट है और पूरा दिन उसके साथ खेल सकती हूं।

लॉकडाउन में 40 किलो खाने की व्यवस्था करते थे

मेरे कैफे में 6 पेट डॉग अलग-अलग ब्रीड की हैंै। इसमें हस्की, पग और बीगल । उनका महीने का 40 किलो खाना लग जाता है। लॉकडाउन के समय उनके लिए खाने की किल्ल्त तो हुई थी,लेकिन हमने जैसे-तैसे मैनेज किया। मेरे सभी फैमिली मेंबर्स को डॉग्स से बहुत प्यार है इसलिए हमने एक अपना खुद का कैफे भी खोला है। फैमिली के हर मेंबर का एक डॉग है। लॉकडाउन में उनके साथ खेलते थे और महीने कब निकल गए पता ही नहीं चला। हम सभी मेंबर्स का उनके साथ इमोशनल बॉन्डिंग बन चुकी है।

'डॉन' के साथ अटैचमेंट बढ़ा है

मेरे पेट डॉग का नाम डॉन है। 4 साल से मेरे साथ है और इस लॉकडाउन की वजह से बहुत ज्यादा अटैचमेंट हो गया है। लॉकडाउन की वजह से सभी मेंबर्स घर पर ही हैं तो उनका अटैचमेंट थोड़ा ज्यादा बढ़ा है। ऐसा इसलिए भी हुआ है कि लॉकडाउन से पहले सभी अपने-अपने काम में बिजी रहते थे और लॉकडाउन में सभी ने डॉन के साथ टाइम स्पेंड किया तो वह भी अटैच्ड हो गया। हालांकि खाने की प्रॉब्लम जरूर हुई क्योंकि इस दौरान उनके लिए पेडिग्री और डॉग फूड नहीं मिल पा रहा था। ऐसे में हमने रोटी और दूध भी दिया। इसने स्ट्रेस बस्टर के तौर पर भी काम किया जब भी बोरियत होती थी मैं उसके साथ खेलती थी।

35 कैट्स के लिए की खाने की व्यवस्था

मेरे पास इस समय 35 कैट्स हैं और कईं बर्ड्स भी हैं। मैंने इस लॉकडाउन में उनके लिए खाने का अरेंजमेंट फूड डिस्ट्रीब्यूटर के जरिए किया। क्योंकि जितनी भी कैट्स मेरे पास हैं वह घर का खाना नहीं खाती हैं और उनके लिए स्पेशली ओशन टूना फिश के बने बिस्किट्स आते हैं। साथ ही मैंने जिन लोगों के घर पर पर्शियन कैट्स हैं उनके लिए भी उनकी कै ट्स के खाने की फ्री होम डिलीवरी कर मदद की। अभी रोजाना करीब 5 किलो कैट फूड में अपनी सभी कैट्स को खिला रहा हूं। मेरे पास घर पर कुछ युनिक बर्ड्स भी हैं उनके साथ इस लॉकडाउन में टाइम स्पेंड कर उनके साथ बहुत ज्यादा अटैच्ड हो गया हूं।