पितृ मोक्ष अमावस्या आज, 38 साल बाद सूर्य संक्राति का योग

पितृ मोक्ष अमावस्या आज, 38 साल बाद सूर्य संक्राति का योग

जबलपुर । पितृ मोक्ष अमावस्या गुरुवार को है, इस बार अमावस्या पर 38 साल बाद सूर्य संक्रांति का संयोग बना रहा है। इससे पहले यह संयोग 1982 में बना था और अब 19 साल फिर बना। अमावस्या पर नर्मदा तटो पर लोग अंतिम दिन पितरों को विदाई देने जाएंगे। जिसके कारण ग्वारीघाट नर्मदा तट पर भारी भीड़ उमड़ेगी। अमावस्या के दिन उन मृत लोगों के लिए पिंडदान,श्राद्ध और तर्पण कर्म किया जाएगा जिनकी तिथि मालूम नहीं है। इसके अलावा इस बार यदि किसी मृत सदस्य का श्राद्ध करना भूल गए हैं तो उनका भी अमावस्या पर श्राद्ध कर्म किया जा सकता है। मान्यता है कि पितृपक्ष में सभी पितर देवता धरती पर अपने-अपने कुल के घरों में आते हैं और धूप,ध्यान,तर्पण आदि ग्रहण करते हैं। अमावस्या पर सभी पितर अपने पितृलोक लौट जाते हैं। पंडित वासुदेव शास्त्री ने बताया कि पितृपक्ष मोक्ष अमावस्या पर इस वर्ष कई खास योग बन रहे हैं। इस दिन सर्वपितृपक्ष मोक्ष अमावस्या,कन्या, संक्रांति है।

अमावस्या पर ये करें

किसी मंदिर में, किसी गोशाला में दान करने से पुण्य प्राप्ति होती है।

जरुरमंद लोगों को धन और अनाज दान करना चाहिए।

मुख्य द्वार पर और घर की छत पर भी दीपक जलाएं।

सूर्यास्त के बाद घर मंदिर में और तुलसी के पास दीपक जलाएं।