लॉकडाउन में बेटी की शादी का खर्च बचा, उसी से लगा रहे पौधे

लॉकडाउन में बेटी की शादी का खर्च बचा, उसी से लगा रहे पौधे

भोपाल। राजधानी में विकास के नाम पर जहां जिम्मेदार विभाग हरियाली उजाड़ने पर आमादा हैं, वहीं कुछ लोग हरियाली बचाने की अलख जगा रहे हैं। इन्हीं में से एक हैं बागमुगालिया एक्सटेंशन कॉलोनी निवासी समाजसेवी उमाशंकर तिवारी। इनके पर्यावरण प्रेम का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि लॉकडाउन के दौरान बेटी की शादी में होने वाले खर्च से बची राशि को पर्यावरण संरक्षण पर खर्च कर रहे हैं। जिस पैसे से मेहमानों को खाना परोसा जाना था, अब उससे मेहमानों सहित अन्य लोगों को आम, नीम, पीपल और बरगद के पौधे नि:शुल्क बांट रहे हैं। साथ में ट्री-गार्ड भी दे रहे हैं। तिवारी की बेटी की शादी इसी साल 14 अप्रैल को होनी थी, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते 22 मार्च से देशव्यापी लॉकडाउन लग गया। ऐसे में उन्हें शादी टालनी पड़ी। 8 जून को लॉकडाउन में ढील मिली, तो 23 जून को बेटी की शादी घर में ही सादगी से की। शादी में पहले एक से डेढ़ हजार लोग शामिल होने वाले थे, लेकिन कोरोना के चलते 50 से 60 लोग ही शामिल हुए। ऐसे में खान-पान और मैरिज गार्डन पर होने वाला पांच से छह लाख रुपए का खर्च बच गया। इसी रकम को तिवारी ने पर्यावरण संरक्षण में खर्च करना शुरू किया है। वे लोगों को मुμत में आम, नीम, पीपल और बरगद के पौधे मय ट्री-गार्ड बांट रहे हैं, ताकि शहर में हरियाली बढ़ सके। 100 से ज्यादा बांस के ट्री-गार्ड बनवाए हैं। अब तक 80 से ज्यादा आम, नीम, पीपल और बरगद के पेड़ ट्री-गार्ड के साथ बांट चुके हैं। वे पांच साल तक हर साल 100 पौधे बांटेंगे।

समाज को कुछ ऐसा देना चाहता हूं, जो सभी के काम आए

तिवारी ने बताया कि खाने और अन्य इंतजामों के लिए मुझे कर्ज लेना पड़ता। शादी सामान्य दिनों में होती, तो एकमुश्त पैसा खर्च करना पड़ता। लेकिन अब मैं धीरे-धीरे पौधे और ट्री-गार्ड बांटता रहूंगा। इसके लिए कर्ज भी नहीं लेना पड़ेगा और मुझे इस बात का संतोष रहेगा कि मैंने समाज को एक ऐसी चीज दी जो आने वाली नस्लों के काम भी आएगी।

बेटी, दामाद और समधन से भी कराया पौध रोपण

तिवारी ने शादी के बाद घर आई बेटी और दामाद के साथ अपनी समधन का स्वागत पौधे भेंटकर किया। उन्होंने उनसे घर के बाहर पौधा भी लगवाया। तिवारी का कहना है कि इससे ज्यादा पुण्य काम नहीं हो सकता।