लिस्टेड सट्टेबाजों पर बेअसर पुलिस, बड़े शहर में बैठकर माफिया संचालित कर रहे करोड़ों का कारोबार
ग्वालियर। इंडियन प्रीमियर लीग के सीजन 16 में ग्वालियर के सटोरिये जमकर सट्टे की पिच पर लाखों की बेटिंग कर रहे हैं। रोजाना मैच पर करोड़ों का सट्टा लगवाया जा रहा है, लेकिन इस बार पुलिस सट्टे के बड़े माफियाओं को पकड़ने में फेल साबित हो रही है। हालांकि अपनी पीठ थपथपाने के लिए क्राइम ब्रांच छिटपुट सट्टेबाजों को पकड़ कर वाहवाही लूट रही है। जबकि शहर में सट्टे का जाल बिछाने वाले सटोरिए बड़े शहरों में बैठकर अपना नेटवर्क चला रहे हैं।
क्रिकेट मैच पर सट्टे का काला कारोबार ग्वालियर में अपनी जड़ें जमा कर करोड़ों का अवैध कारोबार कर चुका है। बीती 31 मार्च से शुरू हुए आईपीएल सीजन 16 में अब तक 38 मैच खेले जा चुके हैं। जिसमें शहर में सट्टे का नेटवर्क चलाने वाले माफियाओं ने करोड़ों का कारोबार कर लिया है। ऑनलाइन खिलाए जा रहे इन मैचों में माफिया ग्वालियर छोड़कर अन्य शहरों से अपने नेटवर्क को ग्वालियर में ऑपरेट कर रहे हैं। लेकिन शहर की पुलिस और क्राइम ब्रांच अभी तक एक भी लिस्टेड सटोरिए को पकड़ने में नाकाम साबित रही है।
नए एसपी के आने के बाद क्राइम ब्रांच ने अपनी साख बचाने के लिए कुछ सटोरियों पर कार्रवाई भी है, लेकिन क्राइम ब्रांच के पास बनी रखी सटोरियों की लिस्ट में से एक भी सटोरिए को पुलिस अभी तक गिरफ्तार नहीं कर सकी है। इसका बड़ा कारण यह बताया गया है कि जिन सटोरियों के नाम क्राइम ब्रांच के पास दर्ज हैं, उनमें से अधिकतर आईपीएल 16 की शुरूआत से ही शहर के बाहर अपना ढेरा जमाए बैठे हैं। जहां से इनके एडमिन, सब एडमिन, मास्टर और सुपर एजेंट कारोबार को ऑनलाइन चलाकर करोड़ों रुपए बटोर रहे हैं।
गत वर्ष तोड़ी थी सटोरियों की कमर
पिछले साल 2022 में ग्वालियर पुलिस ने सट्टे पर ताबड़तोड़ कार्रवाई कर सट्टेबाजों की कमर तोड़ दी थी, जिसमें संतोष घुरैया, आकाश राणा जैसे बड़े सट्टेबाज पकड़े गए। इन पर पुलिस ने कार्रवाई की और इनके नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए इनकी वेबसाइट तक को ब्लॉक कराया। लेकिन पुलिस की ढील होते ही इन लोगों ने फिर से नेटवर्क जमा लिया।
हार-जीत का लेनदेन भी ऑनलाइन
सटोरियों ने पुलिस की निगाह से बचने के लिए ऑनलाइन खिलाए जा रहे सट्टे का लेनदेन भी यूपीआई एप के जरिए निर्धारित कर दिया है। जिसमें मैच खत्म होने के बाद हिसाब ऑनलाइन वॉट्सएप, टेलीग्राम पर भेजकर यूपीआई के माध्यम से लेनदेन किया जा रहा है।
ऐसे संचालित हो रहा करोड़ों का धंधा
सट्टे के माफियाओं ने बड़े शहरों में बैठकर शहर में अपने गुर्गों को छोड़ दिया है, जिसमें क्रमश: एडमिन, सब एडमिन, मास्टर, सुपर एजेंट, एजेंट क्लाइंट बटोर कर इस अवैध धंधे को संचालित कर रहे हैं।
नमूने पकड़ कर थपथपाई पीठ
लिस्टेड सट्टा माफियाओं ने अपनी टीम इतनी मजबूत बना रखी है कि इन्हें रोकना पुलिस के लिए मुसीबत बन गया है। पुलिस छोटे एजेंट को पकड़कर पीठ थपथपा रही है। लेकिन बड़े माफिया तक पहुंचने में पुलिस असफल साबित हो रही है। यह माफिया दिल्ली, कानपुर, इंदौर जैसे बड़े शहरों में बैठकर पूरा नेटवर्क ऑपरेट कर रहे हैं। जहां तक पहुंचने में पुलिस नाकाम साबित हो रही है।
लिस्टेड सटोरियों में 45 के नाम
पुलिस के रिकार्ड में शहर भर में उक्त वेबसाइटों पर सट्टा खिलाने वाले 45 बुकियों के नाम दर्ज हैं। जिनमें कई नाम तो ऐसे हैं जो क्राइम ब्रांच में चढ़ावे की दम पर अपना खेल चमका रहे हैं।
एक्टिव वेबसाइट
लोटस 365, महाकाल बुक, बीबीएल, ड्रीम इलेवन, 11 प्रो वेब, बेड गुरु, 365 बॉल, वन एक्स बेट, वन एक्सचेंज नेट, 97 हब, डब्ल्यू वीटी, 777 एक्सचेंज।
अगर लिस्टेट सटोरिए शहर छोड़कर भी अपना नेटवर्क ऑपरेट कर रहे हैं तो उनके खिलाफ जल्द ही कार्रवाई की जाएगी। लिस्ट में दर्ज नामों पर भी हम फोकस कर रहे हैं। राजेश सिंह चंदेल, एसपी, ग्वालियर