पुलिस जनसुनवाई अब पलासिया कंट्रोल रूम पर होगी सुनवाई, 11 आवेदन पहुंचे
इंदौर। मंगलवार को पुलिस की जनसुनवाई पलासिया कंट्रोल रूम स्थित कार्यालय में हुई वहीं कलेक्टर कार्यालय में भी जनसुनवाई हुई। पुलिस की जनसुनवाई में 11 आवेदन पहुंचे। जनसुनवाई में पुलिस अधिकारियों ने पीड़ितों की शिकायत सुनी। इसमें धोखाधड़ी, पड़ोसी से मारपीट, दहेज प्रताड़ना, चोरी का प्रकरण, थाने में सुनवाई नहीं, पत्नी की ढूंढ़ने, न्याय की गुहार सहित अन्य मामले पहुंचे।
अब पुलिस की जनसुनवाई रीगल तिराहे स्थित अतिरिक्त पुलिस कार्यालय के स्थान पर अब पलासिया कंट्रोल रूम में होगी। स्थान परिवर्तन की सूचना मंगलवार को जनसुनवाई में शामिल होने वाले कई अधिकारियों को भी देर से पता चली, जिसके चलते पलासिया महिला थाने का स्टाफ भी रीगल पर पहुंच गया था। वहां जाकर पता चला कि कार्यालय वहां शिफ्ट हो गया है।
एक को वाहन तो दूसरी को मिली आर्थिक सहायता
कलेक्टर कार्यालय में हुई जनसुनवाई में पहुंची खंडवा रोड निवासी दिव्यांग युवती कविता चौहान की समस्या का त्वरित निराकरण हो गया है। विधि स्रातक होने के बावजूद नौकरी के लिए लम्बे समय से प्रयासरत कविता ने बताया कार्यस्थल पर आने-जाने की समस्या को देख उसे कोई नौकरी नहीं देता, जिस पर उसे मोटोराइज्ड दो पहिया वाहन उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए हैं। इसी तरह नारी निकेतन में रहने वाली एक युवती को भी पांच हजार की आर्थिक मदद दी गई है।
केस 1: बच्चों को छोड़ गायब हुई पत्नी
जनसुनवाई में रविप्रताप रघुवंशी दो माह पहले गायब पत्नी को ढूंढ़ने की गुहार लेकर पहुंचा। रवि ने बताया उसके तीन बच्चे हैं। इसमें बड़ा बेटा साढ़े तीन साल, दूसरा बेटा ढाई साल और तीसरा चार माह है। उसकी पत्नी आरती 10 फरवरी को चार माह के बच्चे को साथ में लेकर कहीं चली गई। उसका किसी शिवम नाम के लड़के से संबंध है। पीड़ित रवि का कहना है कि उसके दोनों बच्चे दिनभर मां के पास जाने की रट लगा रहे हैं।
केस 2: पुलिस नहीं कर सुनवाई
इकलौते बेटे की मौत के बाद न्याय के लिए भटक रहा पिता पुलिस जनसुनवाई में आवेदन लेकर पहुंचा। पीड़ित फकीरचंद रघुवंशी ने बताया कि चार माह पहले बेटे शैलेंद्र ने आत्महत्या कर ली थी। उसके पास से एक नोट मिला था, जिसमें उसने पत्नी का नाम लिखा था। इसके बाद भी आज तक एरोड्रम पुलिस ने कोई सुनवाई नहीं की है। साथ ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट अभी तक नहीं मिली है। लााचार पिता बेटे को इंसाफ दिलाने के लिए थाने का चक्कर काट रहा है।