वृषभ राशि का राहु दे रहा है जंग का संकेत

वृषभ राशि का राहु दे रहा है जंग का संकेत

ग्वालियर। आकाश में ग्रहों की चाल लगातार नई स्थितियां पैदा करती रहती है। ज्योतिष के नौ ग्रहों में होने वाले परिवर्तन हर किसी को काफी हद तक प्रभावित करते हैं। कभी यह परिवर्तन अत्यंत सुखद तो कभी अति विकराल होता है। ऐसे ही इस साल का महा परिवर्तन 23 सितंबर बुधवार को होने जा रहा है, जो काफी विकराल स्थिति पैदा होने का संकेत दे रहा है। बालाजी धाम काली माता मंदिर के ज्योतिषाचार्य पं. सतीश सोनी के अनुसार 18 महीने बाद 23 सितंबर को सुबह 8.20 बजे हमेशा वक्र गति से चलने वाला राहु ग्रह मिथुन राशि छोड़कर दैत्य गुरु शुक्र की राशि वृषभ में प्रवेश करेगा तथा केतु उनसे ठीक 180 डिग्री के कोण पर मंगल की वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगा। राहु के दैत्य गुरु का शुक्र की राशि में जाने से तथा केतु के ग्रहों के सेनापति मंगल के घर जाने से कई अप्रत्याशित घटनाएं घटित होंगी। सत्ता पक्ष में बेचैनी बढ़ेगी। राजनीतिक कलह के साथ सरकार की नीतियों में अप्रत्याशित परिवर्तन देखने को मिलेंगे। आग, आतंक और आक्रमण बढ़ेगा। मानसिक और त्वचा रोगों में वृद्धि के साथ व्यापार जगत में शनै:-शनै: उछाल आएगा। डायरिया, कैंसर जैसे रोग भी उग्रता से बढ़ सकते हैं। इसके साथ ही वृषभ का राहु सामरिक दृष्टि से भारत को युद्ध की स्थिति में ले जा सकता है। राहु का वृषभ राशि में आना पाकिस्तान तथा चीन से युद्ध चाहे लिमिट में ही क्यों न हो, पर युद्ध की स्थिति अवश्य निर्मित कराएगा। इससे पहले भी जब भी भारत और पाकिस्तान का युद्ध हुआ, तब भी राहु वृषभ राशि में ही था और भारत को उसमें विजय भी मिली थी। ठीक इसी तरह की स्थिति 23 सितंबर 2020 से 12 अप्रैल 2022 तक बन रही है। अगर युद्ध की स्थिति बनी तो फिर भारत को विजय मिलना निश्चित है। राहु और केतु का राशि परिवर्तन मिथुन, कर्क, कन्या, मकर, मीन राशि में जातकों के लिए शुभ रहेगा, वहीं मेष, वृषभ, सिंह, धनु राशि के जातकों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।