दानिश को गले लगा राहुल बोले- नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान

नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने शुक्रवार को बसपा सांसद दानिश अली से उनके निवास पर मुलाकात की। इस दौरान कांग्रेस नेता ने दानिश अली को गले लगाया। राहुल ने एक्स पर मुलाकात की फोटो शेयर कर लिखा, नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान। राहुल से मुलाकात के बाद दानिश अली ने कहा, वह मेरा मनोबल ऊंचा रखने और अपना समर्थन देने यहां आए। उन्होंने कहा, मैं अकेला नहीं हूं और जो भी लोग लोकतंत्र के साथ खड़े हैं, वे मेरे साथ खड़े हैं। उनके साथ कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल भी मौजूद रहे। कांग्रेस का भाजपा पर निशाना : कांग्रेस ने दोनों नेताओं की मुलाकात पर एक्स पर पोस्ट कर लिखा, कल भरी संसद में बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने दानिश अली का अपमान किया था, उन्हें बेहद अमर्यादित और असंसदीय अपशब्द कहे थे और भाजपा के दो पूर्व मंत्री भद्दे ढंग से हंसते रहे। कांग्रेस ने लिखा, बिधूड़ी की यह शर्मनाक और ओछी हरकत सदन की गरिमा पर कलंक है। कांग्रेस देश भर के साथ लोकतंत्र के मंदिर में नफरत और घृणा की ऐसी मानसिकता के सख्त खिलाफ है। वहीं राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, बिधूड़ी ने अपने साथी दानिश अली के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया। क्या लोकसभा के स्पीकर इसे संज्ञान में लेते हुए एक्शन लेंगे?
सोशल मीडिया पर यूजर्स ने साधा निशाना
इंसान की पहचान चेहरा नहीं, जुबान होती है। सत्ता के नशे में बेसुध भाजपा के एक सांसद द्वारा विपक्ष के एक अल्पसंख्यक सांसद को अति अभद्र तरीके से संबोधित करना किसी आपराधिक घटना से कम नहीं है। ये भाजपा की नकारात्मक राजनीति का निकृष्टतम रूप है, जिसमें अन्य भाजपाई सांसदों का हंसते हुए सम्मिलित होना दिखाता है कि ये किसी एक भाजपाई की गलती नहीं है, बल्कि ये भाजपा के अधिकांश सदस्यों की निर्लज्जता का बेशर्म प्रदर्शन है। उन पर संसद और संविधान की मानहानि करने का मुकदमा होना चाहिए और ताउम्र की पाबंदी भी। - अखिलेश यादव, अध्यक्ष, सपा
इस वीडियो में ‘चौंकाने वाला’ कुछ नहीं है। भाजपा एक अथाह खाई है, इसलिए हर दिन एक नया निचला स्तर मिल जाता है। मुझे भरोसा है कि इसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी। संभावना है कि आगे इसे भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाएगा। - असदुद्दीन ओवैसी, सांसद
बधूडी जी आपने न संसद की गरिमा रखी, न कुर्सी की, न उस जिम्मेदारी की जो जनता ने आपको सौंपी है। मुल्ला, उग्रवादी, आतंकवादी, इसे तो मैं बाहर देख लूँगा, ये कैसी भाषा है? - रूबिका लियाकत
नि:संदेश रमेश जी ने जो भाषा का उपयोग किया वो संसद के अंदर नहीं उपयोग करना चाहिए था, दानिश अली पर उनके आरोप जांच का विषय है और ये व्यक्ति विशेष पर लगाये गये हैं और ना की समुदाय पर , भाजपा ने इस वक्तव्य के लिए माफी भी मांगी है। - अमिताभ चौधरी
बिल्कुल सहमत लेकिन सामने वाला भी मानता कहां है, पहले प्रोवोक करेंगे, फिर रिएक्शन आएगा तो विक्टिम कार्ड खेलेंगे. लेकिन कुल मिलाकर यदि नेता अपने मुंह से निकलने वाले शब्दों का चयन ठीक से न कर सके वह भी लोकतंत्र के मंदिर में, तो वह नेता कहलाने लायक नहीं है, वो हमारा प्रतिनिधित्व नहीं कर सकता। - कमलेश पाण्डेय