इमरान को राहत, अल-कादिर ट्रस्ट व तोशाखाना केस की सुनवाई पर रोक

इमरान को राहत, अल-कादिर ट्रस्ट व तोशाखाना केस की सुनवाई पर रोक

इस्लामाबाद। भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किए गए पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को शुक्रवार को तोशाखाना और अल-कादिर ट्रस्ट मामले में राहत मिल गई। इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने दोनों ही अभियोग पर स्थगन आदेश जारी किया। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने इमरान खान को 2 हμते के लिए जमानत देते हुए 17 मई तक हर केस में गिरफ्तारी से राहत भी दे दी। दरअसल, खान के वकील ने कोर्ट से कहा कि इमरान को बाहर निकलते ही किसी दूसरे केस में गिरफ्तार किया जा सकता है। इसके बाद कोर्ट ने गिरफ्तारी से राहत वाला आदेश जारी किया। वहीं लाहौर हाईकोर्ट ने भी इमरान खान को (पंजाब प्रांत में) 15 मई तक किसी भी केस में गिरफ्तारी से राहत दे दी। ज्ञात हो कि पाक के पूर्व पीएम इमरान खान को मंगलवार को अर्धसैनिक बलों ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट से गिरफ्तार किया था। पीठ ने राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) को इमरान को स्थानीय समयानुसार शाम साढ़े चार बजे तक पेश करने का निर्देश दिया था। खान को कड़ी सुरक्षा में अदालत लाया गया।

इमरान से मिलने पहुंचे राष्ट्रपति अल्वी

खान की रिहाई के बाद राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने पुलिस लाइन के गेस्ट हाउस में उनसे मुलाकात की। जिओ न्यूज के मुताबिक-अल्वी ने खान को उनकी गिरफ्तारी के बाद देश में फैली हिंसा के बारे में बताया। इससे पहले अल्वी ने इमरान खान की गिरफ्तारी पर प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ को लेटर लिखा था।

कोर्ट रूम छोड़कर चले गए थे जज

इससे पहले हाई कोर्ट में सुनवाई शुरू होते ही हंगामा मच गया था। पेशी के दौरान इमरान समर्थक वकीलों ने कोर्ट रूम में इमरान के नारों से हंगामा कर दिया, जिससे जज रूम छोड़कर चले गए।

कैबिनेट ने इमरजेंसी लगाने का फैसला टाला

शुक्रवार को कैबिनेट मीटिंग के दो दौर हुए। इसमें इमरजेंसी लगाने पर विचार हुआ, लेकिन आखिरी फैसला सोमवार के बाद होगा। इस बीच, सत्तारुढ़ गठबंधन में शामिल जमात- ए-इस्लामी के चीफ मौलाना फजल- उर-रहमान ने ऐलान किया कि वो सोमवार से सुप्रीम कोर्ट के सामने धरना प्रदर्शन करेंगे।

इमरजेंसी लगने पर 16 महीने तक चुनाव नहीं

कैबिनेट इसके लिए प्रस्ताव राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को भेजेगी। वो ही इसे मंजूर या नामंजूर कर सकते हैं। पेंच यह है कि अल्वी खुलेआम इमरान की हिमायत करते हैं और वो खान की पार्टी के सदस्य भी हैं। इमरान चाहते हैं कि मुल्क में फौरन इलेक्शन हों, अगर इमरजेंसी लग लग गई तो कम से कम 16 महीने तक चुनाव नहीं हो सकेंगे। इससे इमरान को नुकसान हो सकता है।