सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस नरीमन ने शुरू किया यूट्यूब चैनल, देंगे व्याख्यान

सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस नरीमन ने शुरू किया यूट्यूब चैनल, देंगे व्याख्यान

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस रोहिंटन फली नरीमन ने एक आॅफिशियल यूट्यूब चैनल शुरू किया है। जस्टिस नरीमन आॅफिशियल नाम का चैनल कानून, इतिहास और धर्म से संबंधित विषयों पर आधारित है। जस्टिस नरीमन इस चैनल पर वीडियो के जरिये अपने व्याख्यान देते हैं। 16 अप्रैल को शुरू हुए इस चैनल पर 48 वीडयो हैं। चैनल के 3,000 सबस्क्राइबर्स हो चुके हैं।

12 साल की उम्र में पारसी पुजारी रह चुके हैं नरीमन

वरिष्ठ वकील फली एस नरीमन के बेटे जस्टिस नरीमन को जुलाई 2014 में बार एसोसिएशन से सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत किया गया था। उन्होंने 12 अगस्त, 2021 तक सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस के तौर पर सेवाएं दीं। जस्टिस नरीमन 12 साल की उम्र में पारसी पुजारी भी रहे हैं, इसलिए उनके यूट्यूब चैनल पर कुछ वीडियो पारसी धर्म की जानकारी देने वाले हैं। उन्होंने पारसी धर्म पर एक किताब भी लिखी है । रिटायर होने के बाद न्यायमूर्ति नरीमन ने डिसॉर्डेंट नोट्स: द वॉयस आॅफ डिसेंट इन द लास्ट कोर्ट नामक दो खंडों की किताब प्रकाशित की।

कई बड़े फैसलों में शामिल रहे

जस्टिस नरीमन ने सुप्रीम कोर्ट में रहते हुए कई बड़े फैसले दिए। इसमें सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश की अनुमति, निजता को मौलिक अधिकार घोषित करना और सहमति से समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी से हटाने जैसे फैसले शामिल हैं।

37 की उम्र में सीनियर एडवोकेट बनने वाले पहले वकील

जस्टिस नरीमन देश के पहले वकील थे, जो 37 की उम्र में सीनियर एडवोकेट बने। नियम के अनुसार सीनियर एडवोकेट बनने कम से कम 10 साल हाईकोर्ट/सुप्रीम कोर्ट में पैरवी का अनुभव और न्यूनमत उम्र 45 साल होना जरूरी है। लेकिन उनके लिए तत्कालीन सीजेआई वेंकटचलैया ने नियम बदले दिए थे।