मध्यप्रदेश में हर दस मिनट में सड़क दुर्घटना, 24 घंटे में 38 लोगों की मौत

भोपाल। मध्यप्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण पाने के लिए सरकार के तमाम प्रयासों के बाद भी हर 10 मिनट में एक हादसा और 24 घंटे में 38 मौतें हो रही हैं। सड़क दुर्घटनाओं में प्रदेश का देश में पहला और मौत मामले में चौथा स्थान है। सबसे ज्यादा 70 प्रतिशत हादसे ग्रामीण क्षेत्रों में दर्ज किए जा रहे हैं। अधिकांश दुर्घटनाएं सुबह 6 से 9 बजे के बीच हो रहे हैं। सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक हुई। प्रदेश में सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए जिले से लेकर राज्य स्तर पर कमेटियां और परिषद बनाई गई हैं। मसलन, मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य सड़क सुरक्षा परिषद, अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य सड़क सुरक्षा क्रियान्वयन समिति, परिवहन आयुक्त के नोडल में राज्य सड़क सुरक्षा समिति लीड एजेंसी और सांसद तथा कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला सड़क सुरक्षा समितियां हैं। इन सभी समितियों ने वर्ष 2021 में 111 और वर्ष 2022 में 440 बैठकें हुई। बावजूद, सड़क हादसे कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। बैठक में परिवहन विभाग ने आंकड़ों के साथ बताया कि सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं दो पहिया वाहनों से हो रहे हैं तथा प्रदेश में 395 ब्लैक स्पॉट हैं।
सड़क दुर्घटनाओं को रोकने शासन के प्रयास
यातायात सप्ताह मनाया जाता है। हेलमेट का प्रयोग नहीं करने पर वर्ष 2022 में 9.50 लाख चालान करते हुए 23.92 करोड़ की जुर्माना राशि वसूल की गई। जुर्माना राशि भी बढ़ाकर तीन सौ रुपए कर दी गई है। राष्ट्रीय राजमार्ग द्वारा 62 वाहनों से मप्र से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों की पेट्रोलिंग की जा रही है और एमपीआरडीसी द्वारा स्टेट हाइवे पर 25 वाहन पेट्रोलिंग के लिए उतारे जाएंगे।
दुर्घटनाओं को रोकने का प्लान
आईटीएमएस इंदौर के सॉफ्टवेयर के अलावा एडिशनल एनालिटिक्स सॉफ्टवेयर स्थापित होगा। 17 सर्वाधिक सड़क दुर्घटना वाले जिलों में पूर्व से स्थापित सर्विलेंस कैमरा एएनपीआर, पीटीजेड, आरएलवीडी कैमरों के माध्यम से आनलाइन चालान शुरू करने में मदद मिलेगी।