3 रु. के कैरी बैग के लिए 4 साल लड़ा केस, जीता
जबलपुर उपभोक्ता आयोग का मामला: बाटा शोरूम ने ग्राहक से कैरी बैग का चार्ज लिया था

जबलपुर। सुपर बाजार से लेकर कपड़े, जूते सहित अन्य शोरूम में कैरी बैग के लिए अलग से चार्ज किया जाने लगा है। यहां रोजाना सैकड़ों लोग पहुंचते हैं, लेकिन कम ही देखा गया है कि इसके विरुद्ध कोई आवाज उठाए। ऐसे में शहर के एक उपभोक्ता की कोशिश चर्चा में है। उसने न केवल इसके विरुद्ध आवाज उठाई, बल्कि उपभोक्ता आयोग में परिवाद दायर कर इंसाफ भी हासिल किया। उक्त मामले में जिला उपभोक्ता आयोग ने अनुचित व्यापार प्रथा व सेवा में कमी को गंभीरता से लेते हुए उपभोक्ता के पक्ष में आदेश दिया। क्या आदेश दिया आयोग ने : इसके तहत बाटा शोरूम, अंधेरदेव को आदेश दिया कि 45 दिन के भीतर कैरी बैग के तीन रुपए भुगतान किए जाएं। मानसिक पीड़ा के एवज में तीन हजार व मुकदमे का खर्च दो हजार भी अदा किया जाए।
शिरीष ने बताया- 2019 में दायर किया था केस
यह मामला 2019 में दायर हुआ था। चार साल बाद इंसाफ मिला। आयोग के अध्यक्ष पंकज यादव व सदस्य अमित सिंह तिवारी की युगलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान परिवादी शिरीष कुमार दुबे की ओर से अधिवक्ता शशांक शुक्ला ने पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि 2019 में परिवादी ने जूते खरीदे थे। उसकी कीमत 1699 थी। लेकिन, उनसे 1702 रुपए वसूल लिए गए। दरअसल, तीन रुपए कैरी बैग की कीमत अतिरिक्त ली गई थी।
नि:शुल्क देना था बैग :
शिरीष कुमार दुबे ने तर्क दिया था कि कैरी बैग नि:शुल्क मुहैया कराने का दायित्व दुकानदार का था, लेकिन उसने अनुचित रुपए ले लिए। उन्होंने बताया कि दुकानदार से इस बारे में बात करने की कोशिश भी की, लेकिन उसने सही जवाब नहीं दिया। तब उपभोक्ता आयोग में जाने का निर्णय लिया था।