नियम डेढ़ साल का, पर गन हाउसों में 30-30 साल से रखी हुई हैं बंदूकें

नियम डेढ़ साल का, पर गन हाउसों में 30-30 साल से रखी हुई हैं बंदूकें

भोपाल । लायसेंसी बंदूधारी, बंदूकें खरीद तो लेते हैं, लेकिन जब वे घर में संभालकर नहीं रख पाते हैं तो बंदूकघरों में जमा करा देते हैं। यही वजह है कि भोपाल के 11 गन हाउसों में ऐसी करीब 350 से अधिक बंदूकें मिली हैं, जो पिछले 5 से लेकर 30 साल से जमा हैं और गन हाउस के संचालक द्वारा उनका किराया वसूला जा रहा है। गौरतलब है कि जिले मे ंकरीब साढ़े सात हजार लाइसेंसी बंदूकें हैं। गौरतलब है कि कोई भी गन हाउस अधिकतम डेढ़ साल से ज्यादा किसी भी लाइसेंसधारी की बंदूक को अपने यहां नहीं रख सकता है। यह खुलासा गन हाउसों की जांच में हुआ है। यही वजह है कि सभी गन हाउसों के रिकॉर्ड को जब्त कर उनकी दुकानों को सील कर दिया जाता है, ताकि गन हाउस संचालक और कोई गड़बड़ी न कर सकें। दरअसल भोपाल में पिछले तीन सालों से गन हाउसों के लाइसेंसे रिन्युअल की फाइल को आगे बढ़ाने के लिए कलेक्टर ने एडीएम उमराव सिंह मरावी को शहर के सभी 11 गन हाउसों की जांच कराकर रिपोर्ट देने को कहा है। एडीएम ने चार एसडीएम को यह जांच सौंपी है। इसमें एक-एक कारतूस से लेकर बंदूक, उनके खरीदने -बेचने के रिकॉर्ड से लेकर अन्य दस्तावेजों की जांच की जा रही है। एडीएम ने सभ्ी बंदूक घरों की जांच के लिए 29 बिंदु भी तय किए हैं। प्रारंभिक जांच में कई गड़बड़ियां सामने आई हैं। मुख्य गड़बड़ी गन हाउसों के सालों से सेफ कस्टडी में रखी बंदूकों को लेकर मिली है, जिनको रखने का नियम तक नहीं है।

 यह हो सकती है कार्रवाई

अधिकारियों की मानें तो गन हाउस की सेफ कस्टडी में जो बंदूकें वर्षों से पड़ी हैं, उनके लाइसेंसधारी के अलावा गन हाउस संचालक को नोटिस दिया जाएगी, ताकि पता चल सके कि ये बंदूकें कहीं बिक तो नहीं गई हैं। संतोष जनक नहीं मिलने पर लाइसेंसधारी के साथ गन हाउस का लाइसेंस भी समाप्त कर दिया जाएगा।

 जांच में यह देखा जा रहा

कितनी बंदूकें हैं, कितनी लाइसेंसधारियों की है, साल भर में कितनी बंदूकें और कारतूस बिके, किन किन लोगों ने कारतूस और बंदूकें खरीदीं, दुकान में अग्निशमन यंत्र हैं या नहीं, दुकान में स्ट्रॉन्ग रूम कितना बड़ा है। गन हाउस के सभी नियमों का पालन हो रहा है या नहीं, स्टॉक रजिस्टर की जांच आदि बिंदु शामिल हैं।

 लाइसेंस के रिन्युवल के लिए कराई जा रही है जांच

राजधानी में 11 गन हाउसों की जांच कराई जा रही है। यह प्रक्रिया गन हाउसों के रिन्युवल के लिए चल रही है। इसकी जांच रिपोर्ट अभी तक प्राप्त नहीं हुई है। उमराव सिंह मरावी,एडीएम हेडक्वार्टर भोपाल

 ये मिल रही हैं गड़बड़ियां

  •  बंदूकों के रखने के लिए स्ट्रॉन्ग रूम नहीं हैं।
  •  सेफ कस्टडी रूम में सालों से बंदूकें रखी हैं। 
  • बंदूक घरों में कैमरे लगे हैं, लेकिन अधिकतर के यहां चालू नहीं हैं। 
  • अग्निशमन यंत्र हैं, लेकिन कहीं चालू हैं तो कहीं शराब पड़े हैं। 
  • रात्रिकालीन गार्ड का कहीं भी इंतजाम नहीं है।

इन गड़बड़ियों की आशंका 

  • गन हाउसों में जिस लाइसेंसधारी ने पिछले एक साल से गोली नहीं ली है, उसके नाम पर गोलियां चढ़ी मिल सकती हैं। यह गोलियां अन्य लोगों को बेच दी जाती हैं। 
  • ख्याति प्राप्त बंदूक धारियों व शूटरों के नाम पर गोलियां खरीदी जाती हैं और उन्हें नहीं दी जाती हैं।
  • सभी गन हाउस के रजिस्टर मेंटेन मिलेंगे, लेकिन सालों से सेफ कस्टडी में क्यों रखी हैं। 
  • गन हाउस में बंदूक रखने का किराया भी तय है, दुकानदार आवश्यकता से अधिक वसूलते हैं। इसकी रसीदें तक नहीं दी जाती हैं।
  • जिनके बंदूक लायसेंस निरस्त हो चुके हैं, उनको भी गोलियां बेचने के मामले सामने आ सकते हैं।