सिर्फ 38 लोगों पर किया रूसी वैक्सीन का टेस्ट

सिर्फ 38 लोगों पर किया रूसी वैक्सीन का टेस्ट

लंदन। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने जिस कोरोना वैक्सीन के सफल होने का ऐलान किया है, उसकी जांच सिर्फ 38 लोगों पर की गई थी। रूस के आधिकारिक दस्तावेजों के हवाले से डेली मेल की रिपोर्ट में ये खुलासा किया गया है। वहीं, वैक्सीन के कई साइड इफेक्ट्स की जानकारी भी सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक रूसी अधिकारियों ने सिर्फ 42 दिन के रिसर्च के बाद वैक्सीन को मंजूरी दे दी। इसी वजह से यह पता नहीं चल सका है कि वैक्सीन कितनी अधिक प्रभावी है। वैक्सीन के रजिस्ट्रेशन के लिए जो कागजात दिए गए थे, उनमें लिखा था कि महामारी पर वैक्सीन के प्रभाव को लेकर कोई भी क्लिनिकल स्टडी नहीं हुई है। हालांकि, पुतिन ने कहा था कि वैक्सीन सभी जरूरी टेस्ट में पास हो गई है।

ये साइड इफेक्टस हुए

वैक्सीन के साइड इफेक्ट के तौर पर दर्द, स्वेलिंग, हाई फीवर, कमजोरी महसूस करना, एनर्जी की कमी, भूख नहीं लगना, सिर दर्द, डायरिया, नाक बंद होना, गला खराब होना और नाक बहने जैसी शिकायतें मिलीं हैं। ज्यादातर साइड इफेक्ट खुद से ठीक हो गए, लेकिन स्टडी के 42वें दिन भी साइड इफेक्ट की 31 घटनाएं जारी थीं। 42वें दिन शरीर में एंटीबॉडीज की मात्रा औसत स्तर से कम ही थीं।

वैक्सीन काम करेगी इस पर शक : एंथनी फाउची

अमेरिका को रूस के दावे पर शक है। अमेरिका के जाने- माने संक्रामक रोग विशेषज्ञ और राष्टपति ट्रंप के सलाहकार एंथनी फाउची ने कहा कि उन्हें इस बात का शक है कि ये वैक्सीन कोरोना वायरस पर काम करेगी। नैशनल जियोग्राफिक पर पैनल डिस्कशन के दौरान एंथनी फाउची ने कहा कि वैक्सीन बनाना और उस वैक्सीन को सुरक्षित और प्रभावी साबित करना अलग बात है।

सुरक्षा और साइड इफेक्ट की परख जरूरी : गुलेरिया

दिल्ली एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा कि इस वैक्सीन की सेटी से लेकर साइड इफेक्ट की जांच जरूरी है। हमें देखना पड़ेगा कि रूसी वैक्सीन सेफ और इफेक्टिव हो। सेफ का मतलब कि उससे कोई साइड इफेक्ट नहीं हो और इफेक्टिव का मतलब कि वैक्सीन इम्युनिटी को बढ़ाती हो। ये दोनों चीजें वैज्ञानिक दुनिया में साफ होनी चाहिए कि वैक्सीन सेफ और सुरक्षित है।