कोरोना महामारी को समाप्त करने के लिए साधु-संत कर रहे जप, तप और आराधना

कोरोना महामारी को समाप्त करने के लिए साधु-संत कर रहे जप, तप और आराधना

जबलपुर । संस्कारधानी जबलपुर में अनादि काल से जाबलि ऋषि की तपोभूमि है। कल-कल निनाद करती मैकलसुता मां नर्मदा निरंतर प्रवाहमान है। मां नर्मदा के किनारे भोलेनाथ का वास होता है। जबलपुर में साकेतवासी महामंडलेश्वर स्वामी रामचंद्र दास महाराज, महार्षि महेश योगी, ओशो रजनीश , स्वामी प्रज्ञानंद महाराज ने निरंतर मां नर्मदा के तट पर आराधना के साथ साधना भक्ति की और धर्म संस्कृति का देश विदेश में वैदिक साहित्य और प्रवचनों के माध्यम से प्रचार प्रसार किया। साधक को साधना करने के लिए संकल्प के साथ एक आध्यात्मिक शक्ति को जागृत करने के लिए मां नर्मदा की गोद में आकर आनंद की अनुभूति होती है। भारत के कौने कौने से साधु संत आकर यहां साधना करते हैं। कोरोना महामारी के संकट काल में सभी धार्मिक सांस्कृतिक सामाजिक आयोजन तो बंद है, मंदिर, आश्रमों , मठो में श्रृद्धालु भक्त जनो का आना जाना बंद है। साधु संत अपनी साधना भक्ति मे लीन है। इस वर्ष कोरोना के कारण कुछ गिने-चुने ही साधु-संत यहां पर अपना चतुर्मास करने आए हैं। इस वर्ष अधिक मास भी है जो अश्विन मास में पुरुषोत्तम महीना रहेगा। इस वर्ष पांच माह का वैदिक चातुर्मास्य होना है।

महामारी के लिए अनुष्ठान कर रहे : शंकराचार्य

श्रीज्योतिषपीठाधीश्वर, द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगत-गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वारूपानंद महाराज परमहंसी गंगा आश्रम झोतेश्वर गोटेगांव में चातुर्मास कर रहे हैं। ॐ श्री परमात्मने नम: पूज्य जगद्गुरु शंकराचार्य जी महाराज ने अपने शिष्यों को काठकोपनिषद् अध्ययन कराते हुए उपनिषदों में काठकोपनिषद् बहुत प्रसिद्ध है। यह कृष्ण यजुर्वेद की कठ-शाखा के अंतर्गत है। इसमें नचिकेता और यम के संवादरूप में परमात्मा के रहस्मय तत्व का बड़ा ही उपयोगी और विशद वर्णन है। चातुर्मास में परमपूज्य ज्योतिष्पीठाधीश्वर एवं द्वारकाशारदापीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज की श्री मुख से इस काठोपनिषद् का नित्य पाठ अपने शिष्यों एवं भक्तों को श्रवण कराया जा रहा है। परमहंसी गंगा आश्रम झोतेश्वर गोटेगांव में प्रतिदिन ब्रम्ह म्रहुर्त में रुद्राभिषेक, जाप साधना चल रही है। पराम्बा भगवती की निरंतर आराधना चल रही है, देश में महामारी नाश के लिए अनुष्ठान भी हो रहा है। शिष्यों को परम पूज्य गुरुदेव कठोपनिषद का अध्ययन करा रहे हैं।

काशी के रामानंदचार्य रामनरेशाचार्य का चातुर्मास

श्रीमठ पंचगंगा घाट काशी के जगतगुरु रामानंद चार्य रामनरेशाचार्य जी महाराज मां गंगा के तट से आकर श्री प्रेमानंद आश्रम जिलहरी घाट नर्मदा तट पर दिव्य चातुर्मास कर रहे हैं, आश्रम में स्वामी श्याम दास नागा जी महाराज के सनिध्य में चातुर्मास महोत्सव में जप-तप साधना कर रहे हैं। पूरे वर्षा काल संयमित अनुशासित रूप से अखंड राम चरित मानस, शालिग्राम पूजन, पितृ तर्पण, पंचभूत महायज्ञ, सत्संग प्रवचन चल रहा है। जगत-गुरु देव का चातुर्मास 20 वर्ष बाद जबलपुर में हो रहा है। देश में आए भीषण संकट काल में परमात्मा का चितंन मनन करने के साथ अपने आपको संयमित, संतुलित कर जीवन जीने का प्रयास करना चाहिए। जिससे सभी का कल्याण हो।

आध्यात्मिक शक्ति को जगाएं : डॉ. श्याम देवाचार्य

श्री नरसिंह पीठाधीश्वर जगत-गुरु देव डॉ. श्याम देवाचार्य महाराज नर्मदा तट पर गीताधाम,ग्वारीघाट में चातुर्मास में मौन साधना में लीन है। डॉ श्री श्याम देवाचार्य महाराज के सनिध्य में जिले में धार्मिक आयोजनों के साथ गौ सेवा, दरिद्र नारायण सेवा, श्रावण मास में निरंतर अनुष्ठान चल रहा है। चातुर्मास में सभी अपनी आध्यात्मिक शक्ति को जगाए,रखने के लिए संकल्प के साथ प्रभु-भक्ति आराधना करते हैं। साधना से प्राप्त सिध्दी ही भक्तों को आशीर्वाद स्वरुप दी जाती है। संकट काल में परमात्मा की भक्ति से हर संकट का सामना करने की शक्ति मिलती हैं।