सऊदी अरब ने पाक को तेल और कर्ज देने से किया इनकार

सऊदी अरब ने पाक को तेल और कर्ज देने से किया इनकार

रियाद। दयनीय वित्तीय स्थिति का सामना कर रहे पाकिस्तान को सऊदी अरब ने तगड़ा झटका देते हुए उसे तेल की आपूर्ति बंद करने के साथ ही कर्ज देने से मना कर दिया है। सऊदी अरब ने यह कदम पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के कश्मीर मुद्दे पर भारत के खिलाफ सऊदी अरब की अगुवाई वाले इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के कड़ा रुख नहीं अपनाने पर सख्त चेतावनी देने के बाद उठाया है। सऊदी अरब के इस कदम के बाद दोनों देशों के बीच दशकों से चला आ रहा रिश्ता खत्म हो गया है। पाकिस्तान को सऊदी अरब को एक अरब डॉलर का भुगतान भी करना होगा। यह राशि नवंबर 2018 में सऊदी अरब के 6.2 अरब डॉलर के पैकेज का एक हिस्सा था, जो पाकिस्तान को घोर आर्थिक संकट के समय दिया गया था। इसमें पैकेज में कुल तीन अरब डॉलर का ऋण और एक तेल रिण सुविधा थी, जिसमें 3.2 अरब डॉलर की राशि शामिल थी।

कश्मीर मुद्दे पर तकरार

भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर अनुच्छेद 370 के कुछ प्रावधानों व धारा 35-ए खत्म किए जाने के बाद से पाकिस्तान ओआईसी के विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए निरंतर दबाव बना रहा है। कश्मीर मुद्दे पर 22 मई को ओआईसी के सदस्यों से समर्थन जुटाने में पाक के असफल रहने के बाद, पीएम इमरान खान ने कहा था, इसका कारण यह है कि हमारे पास कोई आवाज नहीं है और हमारे बीच विभाजन है।

भारत से टेंशन कम करने पाक की US से अपील

इधर, पाकिस्तान ने भारत संग टेंशन कम कराने के लिए मंगलवार को अमेरिका से अपील की है। पाकिस्तान के विदेश सचिव सोहेल महमूद ने अमेरिका के राजनीतिक मामलों के अवर सचिव डेविड हेले से वर्चुअल बातचीत के दौरान कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए भी मदद मांगी। हालांकि, भारत पहले ही दो-टूक कह चुका है कि किसी भी द्विपक्षीय मुद्दे पर तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की आवश्यकता नहीं है। पाकिस्तान के अखबार डॉन की एक खबर के मुताबिक सोहेल महमूद ने अमेरिका से कहा, तनाव बढ़ने से रोकने और जम्मू- कश्मीर विवाद के शांतिपूर्ण समाधान के लिए कदम उठाना अनिवार्य है। वहीं पाक ने यह भी कहा कि कश्मीर में भारत की सैन्य घेरेबंदी व पाक के खिलाफ आक्रामक तेवर शांति व सुरक्षा के लिए खतरा है।