जंगल में शावक को मां से मिलाने 20 किमी सर्चिंग, 12 घंटे तक किया इंतजार

जंगल में शावक को मां से मिलाने 20 किमी सर्चिंग, 12 घंटे तक किया इंतजार

जबलपुर। कटनी के बरही रेंज में अपनी माँ से बिछड़े बाघ शावक को मिलाने के लिए रेस्क्यू टीम ने पहले तो 20 किमी के जंगल में बाघिन की सर्चिंग की। करीब 12 घंटे के इंतजार के बावजूद बाघिन जब अपने शावक के पास नहीं लौटी तो इसकी देखभाल लिए उसे रीवा के मुकुंदपुर जू शिफ्ट किया गया। शावक की उम्र करीब 25 दिन बताई जा रही है। बताया जाता है कि कटनी के बरही रेंज में दोपहर को गश्ती कर रही टीम को जब एक बाघ शावक रोने की आवाज आई तो टीम सकते में आ गई। वन विभाग की टीम ने चारों तरफ नजर दौड़ाई तो बाघिन नजर नहीं लेकिन उसका शावक अकेला दिखाई दिया।

इस पर गश्ती टीम ने आला अफसरों को खबर की सूचना के बाद टीम को बाघिन के आसपास होने के मूवमेंट और अटैक किए जाने की आशंका देखते हुए शावक पर नजर बनाए रखने के निर्देश दिये गए। लेकिन रात तक बाघिन शावक के पास नहीं आई कड़कड़ाती ठंड में वीयू कुलपति प्रो. डॉ. एसपी तिवारी के निर्देशन में जबलपुर वेटरनरी यूनिवर्सिटी के वाइल्ड लाइफ सेंटर से डॉ. अमोल रोकड़े को रेस्क्यू के लिए भेजा गया।

रात करीब डेढ़ बजे जबलपुर से गए एक्सपर्ट से दो बजे रेस्क्यू कर वन विभाग के सेंटर में रखा गया। यहां पर सुबह 5 बजे फिर जंगल के उसी इलाके में शावक को छोड़ा गया, जहां से उसे उठाया था। यहां पर सुबह 9 बजे तक बाघिन के इंतजार किया, जब बाघिन शावक को लेने नहीं आई। इस बीच शावक की माँ को खोजने के लिए वन विभाग की टीम ने करीब 20 किलोमीटर के जंगल में सर्चिंग की, लेकिन बाघिन की लोकेशन नहीं मिली। इसके बाद रेस्क्यू कर बाघ शावक को टीम ने अपने पास रखा। मुख्यालय से आदेश के बाद टीम इसे लेकर बुधवार सुबह करीब 11 बजे मुकुंदपुर जू के लिए रवाना हो गई।

ढाई माह बाद मुकुंदपुर जू के बाड़े में शिफ्ट हुआ तेंदुआ

मंडला जिले के टाटरी रेंज में करीब ढाई माह पहले गंभीर रूप से मिले घायल तेंदुए को बुधवार को स्वस्थ होने पर रीवा जिले में स्थित मुकुंदपुर जू में शिफ्ट कर दिया गया। नानाजी देशमुख वेटरनरी साइंस यूनिवर्सिटी के वाइल्ड लाइफ सेंटर में बुधवार को हेल्थ रिपोर्ट सही आने के बाद सीसीएफ जबलपुर डिवीजन कमल अरोरा, डीएफओ मंडला व डायरेक्टर डॉ. शोभा जावरे की उपस्थिति में एक्सपर्ट व वन विभाग की टीम ने भेजे जाने रेस्क्यू केज के साथ ट्रक में लोड किया।

वीयू में बेहतर देखभाल से तेंदुए को मिला नया जीवन : सीसीएफ

वाइल्ड लाइफ सेंटर पहुंचे जबलपुर डिवीजन के चीफ कंजर्वेटर फारेस्ट (सीसीएफ) कमल अरोरा ने बताया कि तेंदुआ पूरी तरह से स्वस्थ है लिहाजा उसे मुकुंदपुर शिफ्ट किया जा रहा है। घायल हालत में आए तेंदुए की बेहतर हेल्थ मॉनीटरिंग यहां के एक्सपर्ट द्वारा की गई है सभी बधाई के पात्र है। साथ ही कुलपति प्रो. डॉ. एसपी तिवारी का भी विशेष सहयोग प्राप्त हुआ है इसके लिए उन्हें भी साधुवाद।