सुशांत की आखिरी फिल्म देखकर आंखें नम और लबों पर होगी हंसी

सुशांत की आखिरी फिल्म देखकर आंखें नम और लबों पर होगी हंसी

दिवंगत एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद से ही एक्टर के फैन उनकी आखिरी फिल्म 'दिल बेचारा' का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। जो अब लोगों के दिलों में सुशांत की यादों को ताजा कर रही है। फिल्म में कैंसर पेशेंट के रूप में सामने आए सुशांत ने एक बार फिर सबको इमोशनल कर दिया। सुशांत का चुलबुला रूप सबके दिलों को छू रहा है। दर्शकों के लिए हॉटस्टार एप पर पहले फिल्म दिल बेचारा शाम 7:30 बजे रिलीज होने वाली थी लेकिन आधे घंटे पहले ही रीलीज कर दी गई। कोरोना के चलते सुशांत की फिल्म भले ही सिनेमा हॉल नहीं पहुंची,लेकिन अब इस फिल्म ने हर घर में पहुंचकर सुशांत की आवाज को हर घर में गूंजा दिया है। संजना सांघी बतौर लीड एक्ट्रेस इस फिल्म में से डेब्यू कर रही हैं।

फिल्म 'दिल बेचारा' की कहानी : 'दिल बेचारा' की कहानी शुरू होती है किज्जी बासु की आवाज से शुरू होती है। किज्जी के किरदार में संजना सांघी हैं, जो टर्मिनल कैंसर से जूझ रही हैं। उसकी लाइफ में एंट्री होती है इम्मानुअल राजकुमार जूनियर उर्फ मैनी (सुशांत सिंह राजपूत) की। जो काफी चुलबुला है। फिल्म में सुशांत की एंट्री काफी कूल और मजेदार अंदाज में होती है, इसके बाद अब फिल्म में दोनों की दोस्ती की कहानी है। इस कहानी में ट्विस्ट है और वो ये है कि फिल्म में केजी और मैनी दोनों ही गंभीर बीमारियों से लड़ रहे होते हैं। मैनी केजी को पेरिस घुमाने लेकर जाता है और वहां उसे पता चलता है कि वह खुद एक बीमारी से जूझ रहा है। केजी को जिंदगी के मायने बताते और सलीका सिखाते हुए मैनी उसकी जिंदगी से चला जाता है। फिल्म का अंत एक बार दर्शकों को 14 जून 2020 पर ले जाकर खड़ा कर देता है। जब सुशांत ने इस दूनिया को अलविदा कहा था।

दोस्ती, प्यार और दर्द की कहानी : फिल्म दिल बेचारा में इमोशन है, प्यारे संवाद हैं, जिससे काफी जुड़ाव महसूस करेंगे। जमशेदपुर जैसे छोटे शहर से पैरिस तक की कहानी को मुकेश छाबड़ा ने बेहद खूबसूरत तरीके से फिल्माया है। मुकेश छाबड़ा के निर्देशन में बनी फिल्म ऐसी बन गई जिसे देखने के लिए कलेजा चाहिए और फिल्म का डायरेक्शन शानदार है। अगर आप सुशांत के आप डाय हार्ड फैन है और उन्हें आखिरी बार स्क्रीन पर एक्टिंग करते हुए देखना चाहते है तो इस फिल्म को जरूर देखें।