खुले बाजार में गेहूं की बिक्री करने से 7 दिन में कीमतें 10 फीसदी गिरीं

खुले बाजार में गेहूं की बिक्री करने से 7 दिन में कीमतें 10 फीसदी गिरीं

नई दिल्ली। गेहूं की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के मकसद से खुले बाजार में इसकी बिक्री के फैसले से पिछले एक सप्ताह में गेहूं की कीमतों में 10 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है। यह जानकारी केंद्र सरकार ने शुक्रवार को दी। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने इस सप्ताह आयोजित ई-नीलामी के पहले दो दिन में अबतक थोक उपयोगकर्ताओं को 2,474 रुपए प्रति क्विंटल की औसत दर से 9. 2 लाख टन गेहूं बेचा है। हाल ही में, केंद्र ने मुक्त बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के जरिए खुले बाजार में बफर स्टॉक से 30 लाख टन गेहूं बेचने का फैसला किया था। इसमें से 25 लाख टन आटा मिलों को, तीन लाख टन नेफेड जैसी संस्थाओं को और शेष दो लाख टन राज्य सरकारों को बेचा जाएगा। खाद्य मंत्रालय ने कहा, ई-नीलामी में बेचे जाने वाले गेहूं के उठाव और बाजार में आटा उपलब्ध कराने के बाद कीमतों में और गिरावट आना तय है।

अभी यह है  कीमते

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, दो फरवरी को गेहूं का औसत अखिल भारतीय खुदरा मूल्य 33.47 रु. प्रति किग्रा था और गेहूं के आटे की कीमत 38.1 रु. प्रति किग्रा थी। आंकड़ों से पता चलता है कि वर्ष 2022 में इसी तारीख को, गेहूं और गेहूं के आटे का औसत खुदरा मूल्य क्रमश: 28.11 रुपए प्रति किलोग्राम और 31.14 रुपए प्रति किलोग्राम था।

एफसीआई ने शुरू की 25 लाख टन गेहूं की बिक्री

एफसीआई ने पहले ही देशभर में थोक उपयोगकर्ताओं को 25 लाख टन गेहूं की बिक्री शुरू कर दी है। इसने 1-2 फरवरी को ई-नीलामी के जरिए 2,474 रुपए प्रति क्विंटल की औसत दर से 9.2 लाख टन गेहूं बेचा है, जिससे 2,290 करोड़ की कमाई हुई है। 23 राज्यों में हुई ई- नीलामी में 1,150 से अधिक बोलीदाताओं ने भाग लिया। एफसीआई की योजना 15 मार्च तक गेहूं की बिक्री के लिए प्रत्येक बुधवार को साप्ताहिक ई-नीलामी आयोजित करने की है।

केंद्रीय भंडार जैसे संस्थानों को 2.5 लाख टन आवंटन

एफसीआई ने केंद्रीय भंडार, नेफेड और एनसीसीएफ जैसे संस्थानों को 2.5 लाख टन गेहूं आवंटित किया है, ताकि अनाज को आटे में बदला जा सके और अधिकतम खुदरा मूल्य 29.50 रु. प्रति किग्रा पर बेचा जा सके। केंद्रीय भंडार ने पहले से ही कम दर पर गेहूं का आटा बेचना शुरू कर दिया है और नेफेड जल्द ही आठ राज्यों में उसी दर पर बिक्री शुरू करेगी।

नई फसल की खरीद 15 मार्च से होगी

केंद्र ने घरेलू उत्पादन में मामूली गिरावट और केंद्रीय पूल के लिए एफसीआई की खरीद में तेज गिरावट के बाद बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए पिछले साल मई में गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। चालू रबी (सर्दियों में बोई जाने वाली) सत्र में गेहूं की फसल का रकबा थोड़ा अधिक है। नई गेहूं की फसल की खरीद 15 मार्च से शुरू होगी।