सात दिन बाद खुले बाजार, उड़ी नियमों की धज्जियां, लगा जाम

सात दिन बाद खुले बाजार, उड़ी नियमों की धज्जियां, लगा जाम

ग्वालियर। सात दिन के कफ्यू के बाद बुधवार को जैसे ही शहर के बाजार खोले गए तो एक बार फिर से पहले जैसा ही नजारा नजर आया। शहर के अधिकतर बाजारों में कर्फ्यू से पहले की तरह ही स्थित देखने के मिली बाजारों में लोग कोरोना को भूलकर अपनी खरीदी करते दिखे और सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाई गई। स्थिति यहां तक आ गई कि कलेक्टर व एसपी तक को बाजार में उतरना पड़ा। महाराज बाड़े स्थित शहर के प्रमुख बाजार से लेकर, किराना व सब्जी की मार्केट में शहरवासी इस तरह खरीदी करते नजर आ रहे थे मानो खरीददारी के लिए के इन्हें कल का दिन नहीं मिलेगा। पुलिस व प्रशासन की अपील के बाद भी लोगों में कोरोना को लेकर कुछ सुधार नजर नहीं आया, उन्हें तो बस खरीदी की चिंता थी फिर चाहे वह इस भीड़-भाड़ में कोरोना से ही संक्रमित नहीं हो जाए। दूसरी ओर कोरोबारियों की बात की जाए तो सात दिनों के कारोबार के नुकसान के बाद जैसे ही उन्हें अपने प्रतिष्ठान खोलने की अनुमति मिली तो वह भी केवल दुकानदारी को लेकर उत्साहित नजर आ रहे थे। हालांकि अधिकतर दुकानदारों ने कार्रवाई से बचने के लिए अपनी दुकान के बाहर गोले तो बनाए, लेकिन जो लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे थे उनसे नियमों का पालन करने की बोली भी नहीं। कुछ बाजारों में भीड़ कम भी नजर आई।

दाल बाजार में लगा जाम, पहुंचे कलेक्टर

एसपी शहर के थोक किराना बाजार दाल बाजार की स्थिति यहां तक पहुंच गई कि बाजार में लंबा जाम लग गया और कलेक्टर कौशलेन्द्र सिंह तक की गाड़ी इस जाम में फंस गई। इसके बाद कलेक्टर व एसपी नवनीत भसीन का गुस्सा भड़क गया, उन्होंने मौके पर दालाबाजार व्यापार समिति के अध्यक्ष गोकुल बंसल व सचिव मनीष बांदिल को मौके पर ही बुला लिया और खासी नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देश दिए कि दाल बाजार में कोई भी बिना मास्क के नहीं रहेगा और सोसल डिस्टेन्स का पालन भी जरूरी है एवं आप लोग 2000 मास्क लेकर सभी को बंटवाए ।

हो सकता है लंबा लॉकडाउन

बुधवार को शहर के नजारे को देखते हुए ऐसा प्रतीत हो रहा है कि अगर ऐसा ही आलम आगे भी जारी रहा तो कोरोना का संक्रमण थमेगा नहीं बल्कि और बढ़ेगा। इसी की वजह से अब शहर में सात दिन नहीं बल्कि लंबा लॉकडाउन हो सकता है। कलेक्टर श्री सिंह ने भी गत दिवस यही संदेश जारी किया था कि अगर हालात में सुधार नजर नहीं आया तो आपदा प्रबंधन की कमेटी फिर से शहर में लंबा लॉक डाउन करने का फैसला ले सकती है।