सात साल बीते, जेएएच में नहीं बन पाई टर्सरी कैंसर केयर यूनिट, मरीज हो रहे परेशान

ग्वालियर। कैंसर के मरीजों का अत्याधुनिक तरीके से उपचार एवं उन्हें इलाज के लिए दिल्ली एवं मुंबई जाने की झंझट से छुटकारा दिलाने के लिए जीआरएमसी प्रबंधन ने आज से सात साल पहले टर्सरी कैंसर केयर यूनिट बनाने का प्रस्ताव बनाया, लेकिन यह प्रोजेक्ट कागजों तक ही सीमित रह गया है और आज भी कैंसर के मरीज बेहतर उपचार के लिए परेशान हो रहे हैं, लेकिन मरीजों के लिए सुविधा तो दूर की बात है अभी तक इसकी बिल्डिंग भी बनकर तैयार नहीं हो पाई है, दूसरी ओर कॉलेज प्रबंधन भी निर्माण एजेंसी के आगे बेबस नजर आ रहा है, इस भवन का काम है कि पूरा होने का नाम नहीं ले रहा है। वर्तमान स्थिति की बात की जाए तो जेएएच परिसर स्थित कैंसर विभाग में बने वार्ड में केवल 35 पलंग हैं जो कि अधिकतर समय फुल ही रहते हैं, नई यूनिट बन जाती तो न केवल सुविधाएं बढ़ जातीं बल्कि पलंग की संख्या में भी इजाफा हो जाता। अब देखना यह है कि पीआईयू कब तक इस भवन का काम पूरा कर पाएगा और मरीजों को लाभ मिलेगा।
राज्य सरकार से मिल चुके हैं 42 करोड़
दरअसल यह योजना केन्द्र व राज्य की संयुक्त योजना थी और इस प्रोजेक्ट को लेकर केन्द्र से 60 फीसदी एवं राज्य सरकार के ओर से 40 फीसदी बजट आना था। केन्द्र की ओर से 42 करोड़ रुपए का बजट 2017 में आ चुका है जो भोपाल में जमा है। वर्ष 2016 में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का भूमिपूजन करने आए पूर्व केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने टर्सरी कैंसर केयर सेन्टर की घोषणा की थी। इसका काम 2108 में प्रारंभ होकर मार्च 2019 तक तैयार किया जाना था। इसके साथ ही इसी योजना के समय सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल बनाने की योजना तैयार की गई थी, यह अस्पताल बनकर तैयार भी हो गया और इसमें मरीजों को उपचार भी मिल रहा है, लेकिन टर्सरी कैंसर केयर यूनिट का भवन अभी तक बनकर तैयार नहीं हो पाया है।
6 फीसदी की दर से बढ़ रहे कैंसर के मरीज
एक ओर जीआरएमसी प्रबंधन मरीजों के लिए नई सुविधा शुरू नहीं कर रहा है दूसरी ओर कैंसर के मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। जीआरएमसी के कैंसर रोग विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक जिले में इस बीमारी के ग्राफ में लगातार इजाफा हो रहा है। गत वर्ष की तुलना में 6 फीसदी की दर से कैंसर के मरीज बढ़े हैं। यही नहीं जीआरएमसी प्रबंधन से हाल ही कैंसर के मरीजों के संबंध में जानकारी विधानसभा द्वारा मांगी गई थी कि पिछले एक साल में जिले में कैंसर के मरीजों की क्या स्थिति रही, इसकी जानकारी कॉलेज प्रबंधन द्वारा भेजी जा चुकी है।
यह प्रोजेक्ट पीआईयू की वजह से लेट हो रहा है उनके द्वारा अभी तक भवन ही तैयार नहीं किया गया है, निर्माण कार्य पूरा होने के बाद ही मशीनों की खरीदी सहित अन्य प्रक्रिया प्रारंभ हो पाएगी। हम जल्द काम निपटाने को लेकर कई बार पीआईयू को पत्र लिख चुके हैं, लेकिन काम समाप्त नहीं कर रहे हैं। मैं संभागायुक्त को भी पत्र लिख चुका हूं। डॉ. अक्षय निगम,डीन जीआरएमसी