मस्जिदों में सन्नाटा, घरों पर अता की नमाज

मस्जिदों में सन्नाटा, घरों पर अता की नमाज

ग्वालियर।कोरोना प्रकोप के मद्देजनर शासन-प्रशासन के निर्देशानुसार मुस्लिम समाज ने ईदुज्जुहा के अवसर पर मस्जिदों की बजाए अपने घरों पर ही ईद की नमाज अता की। कुछ जायरीन मस्जिदों में पहुंचे भी, लेकिन वहां ताले लगे होने से वापस लौट आए। प्रशासन ने निर्देशों का पालन कराने के लिए मस्जिदों के बाहर पुलिसकर्मी तैनात कर दिए थे। हालांकि शासन-प्रशासन ने एक बार में 5 लोगों को मस्जिद में प्रवेश की अनुमति दी थी, परंतु मुस्लिम समाज के सदस्यों ने प्रशासन का सहयोग करते हुए घरों पर ही सादगी के साथ नमाज अता करना उचित समझा। शनिवार सुबह से ही मुस्लिम समाज के सदस्यों ने निश्चित समय पर अपने-अपने घरों में ईद की नमाज अता की। महिलाओं ने अलग कक्षों में नमाज पढ़ी। कुछ लोग मस्जिदों पर पहुंचे, लेकिन वहां ताले लगे होने से वापस लौट गए। शहर की सभी मस्जिदों के बाहर पुलिसकर्मी तैनात थे। लॉक डाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मुस्लिम बंधु इस बार एक-दूसरे को बधाई देने सार्वजनिक रूप से सड़कों पर भी नहीं निकले। उन्होंने सोशन मीडिया और मोबाइल के माध्यम से बधाई का आदान-प्रदान किया। यही कारण रहा कि शहर की सड़कों पर पहली बार ईद के अवसर पर गहमागहमी नहीं रही। शहर की प्रमुख मोती मस्जिद में भी सन्नाटा पसरा रहा।

घर में नमाज की और परिवार के साथ मनाया र्ईदुज्जहा

सरकार ने पाबंद किया था कि परिवार के बीच त्योहार मनाना है तो हमने ईद की नमाज परिवार के साथ घर पर अता की। सुबह ईष्ट मित्र कुछ आ गए लेकिन हर बार जैसा माहौल नहीं रहा। पहले दिनभर घर पर आने-जाने वालों की भीड़ रहती थी लेकिन कोरोना के डर से लोग ही नहीं आए। हमने भी जिद नहीं की। प्रो.रियाज अली, एमएलबी कॉलेज, ग्वालियर।

ईदुज्जहा की जगह ईदुलफित्र मनाई हमने

हमारा पूरा परिवार नॉनवेज पसंद नहीं करता है इसलिए ईदुज्जहा के पवित्र मौके पर जब कुर्बानी दी जाती है तो वह सब प्रतीक रूप में हुआ हमने सैमईं खीर बनवाई और परिवार के साथ ईद मनाई। लॉक डाउन के कारण नमाज भी घर पर अता की। प्रो. अयूब खान, एमएलबी कॉलेज, ग्वालियर