मुकदमेबाजी बंद होने से समाज को मिलती है सकारात्मक ऊर्जा : न्यायाधीश आर्या

मुकदमेबाजी बंद होने से समाज को मिलती है सकारात्मक ऊर्जा : न्यायाधीश आर्या

ग्वालियर। मुकदमेबाजी बंद होने से समाज को सकारात्मक ऊर्जा मिलती है, इससे परिवार, समाज, गांव व देश में खुशहाली आती है। उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर के न्यायाधीश रोहित आर्या रविवार को जीवाजी विवि के अटल सभागार में उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति एवं जिला प्रशासन ग्वालियर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित समाधान आपके द्वार योजना के तहत प्रशिक्षण सह सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। आपने कहा कि इस योजना का मूल उद्देश्य केवल प्रकरणों का निराकरण भर नहीं अपितु आपसी सुलह के माध्यम से विवाद की मूल जड़ का उन्मूलन करना है, जिससे समाज के आखिरी पंक्ति में बैठा व्यक्ति भी हम पर भरोसा करे और स्वस्थ, विकसित व शांतिपूर्ण समाज का निर्माण हो।

प्रशासनिक न्यायाधिपति श्री आर्या ने कहा कि वर्तमान में पांच विभागों से संबंधित मामले समाधान आपके द्वार योजना में शामिल हैं। इसे विस्तार देकर जीएसटी, आयकर, श्रम व पारिवारिक विवादों को भी जोड़ा जाएगा, जिससे आपसी विवादों के निराकरण का दायरा बढ़ेगा। साथ ही कहा कि समाधान आपके द्वार के लिए डैशबोर्ड तैयार किया गया है और एक ऐसा मोबाइल एप भी बनाया जा रहा है, जिससे हर गांव में कितने मुकदमे दर्ज हैं और कितने निराकृत हो चुके हैं, उसका सम्पूर्ण विवरण उपलब्ध रहेगा।

कार्यक्रम में कमिश्नर, एडीजी, कलेक्टर व एसपी सहित अन्य अधिकारियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किए। कार्यक्रम में संभागायुक्त दीपक सिंह, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ग्वालियर डी श्रीनिवास वर्मा, पुलिस महानिरीक्षक चंबल सुशांत कुमार सक्सेना, मुख्य वन संरक्षक टीएस सूलिया, कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश चंदेल, मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के मुख्य महाप्रबंधक राजीव गुप्ता मंचासीन थे। साथ ही उच्च न्यायालय के प्रिंसिपल रजिस्ट्रार एके मिश्रा व ओएसडी हितेन्द्र द्विवेदी तथा ग्वालियर जिले के प्रधान जिला न्यायाधीश पीसी गुप्ता सहित उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर के अधिकार क्षेत्र के सभी 9 जिलों के प्रधान जिला न्यायाधीश, विभिन्न जिलों के कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक, अन्य प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी, वन मण्डलाधिकारी, विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारी, विधिक सहायता अधिकारी सहित समाधान आपके द्वार के क्रियान्वयन से जुड़े अन्य अधिकारी मौजूद थे।

जिला न्यायालय पर मुकदमों का बोझ बढ़ा

प्रशासनिक न्यायाधिपति श्री आर्या ने कहा कि 85 प्रतिशत मामले जिला न्यायालय में दर्ज होते हैं। इनमें से 15 प्रतिशत मामले उच्च न्यायालय और केवल 9 प्रतिशत मामले सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंचते हैं। इससे जाहिर होता है कि जिला न्यायालय पर मुकदमों का बहुत बोझ बढ़ा है, इसलिए हमें समाधान आपके द्वार जैसी योजनाओं के माध्यम से मुकदमेबाजी से पहले ही आपसी सुलह-समझौते के आधार पर प्रकरणों का निराकरण कराकर लोगों की मानसिकता में बदलाव लाने का साझा प्रयास करना होगा। समाधान आपके द्वार के तहत अब तक लगभग दो लाख प्रकरण निराकृत हो चुके हैं।