किसी ने कहा- बढ़िया और व्यवहारिक तो कोई कह रहा होगा नुकसान

किसी ने कहा- बढ़िया और व्यवहारिक तो कोई कह रहा होगा नुकसान

जबलपुर । केन्द्र सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति के तहत किए बदलाव में शिक्षण संस्थानों के संचालकों और प्राचार्यों के अलग-अलग सुझाव मिले हैं। इसमें कुछ ने तो इसे ठीक बताया है,वहीं कुछ ने कहा कि 10वीं बोर्ड परीक्षा समाप्त करने से विद्यार्थियों को नुकसान उठाना पड़ सकता है। क्योंकि अब स्टूडेंट इससे पढ़ाई के प्रति लापरवाह हो सकता है। गौरतलब है कि केन्द्र सरकार ने शिक्षा नीति में परिवर्तन करते हुए 10 वीं व 12 वीं की बोर्ड परीक्षाओं को समाप्त करते हुए कक्षा 5,8 व 11 वीं को बोर्ड परीक्षा घोषित किया है। यह व्यवस्था करीब 28 साल पहले समाप्त की गई थी। आखिरी बार वर्ष 1982 में 11 वीं बोर्ड परीक्षाएं हुई थीं इसके बाद 12 वीं कक्षा को बोर्ड किया गया था।