अब बड़ों के लिए आ रहीं सोलफुल और एंजाइटी रिलीफ कलरिंग बुक्स
कलरिंग कई बार बच्चों की एक्टिविटी मान ली जाती है और पेंटिंग और ड्राइंग बड़ों का काम समझा जाता है। बुक स्टोर्स पर भी अक्सर कलरिंग बुक में बच्चों के लिए चित्र होते हैं लेकिन अब बड़ों के लिए भी कलरिंग बुक आने लगी हैं जो कि अच्छी बात है। ऐसा इसलिए क्योंकि कलरिंग करना एक तरह का स्ट्रेस रिलीफ वर्क माना जाता है जिसमें डिजाइन्स में रंग भरते हुए व्यक्ति कुछ देर के लिए पूरी तरह से अपने दिमाग को रंगों और चित्रों के साथ ढाल पाता है। नेशनल कलरिंग डे के मौके पर बड़ों के लिए आ रही कलरिंग बुक्स पर एक्सपर्ट्स से बात की। इस बारे में उनका कहना है कि कलरिंग और डूडलिंग को स्ट्रेस रिलीज करने का अच्छा जरिया माना जाता है। बच्चे हो या बड़े कोई भी कलरिंग बुक के जरिए खुद को तरोताजा कर सकता है।
कलर थैरेपी वर्क से दिमाग होता है शांत
बुक स्टोर्स पर अब बड़ों के लिए भी कलरिंग बुक आ रही हैं, जिसमें सोलफुल कलरिंग, नेचर कलरिंग, कलर थैरेपी मंडला , माइंडफुलनेस कलरिंग बुक शामिल हैं। इनके टाइटल से जाहिर होता है कि यह मन-मस्तिष्क को रिलेक्स करने के लिए तैयार की गई हैं। इनकी कीमत की बात करें तो यह 400 रुपए से लेकर पॉपुलर रेंज में 2500 रुपए तक होती हैं। मनोविशेषज्ञ डॉ. शिखा रस्तोगी कहती हैं, कलर थैरेपी अब कॉमन हो गई है और इसके जरिए दिमाग को काफी रिलेक्स किया जा सकता है। बच्चे कलरिंग करके खुश होते हैं, उसी तरह जब बड़े भी कलरिंग करते हैं तो वे भी खुशी महसूस करते हैं जिससे दिमाग शांत होता है। यह माइंड, बॉडी और सोल को रिलेक्स करती हैं।
तनावमुक्त रहने के लिए आ रहीं कलरिंग बुक
♦ एंजाइटी रिलीफ
♦ सोलफुल कलरिंग
♦ मोटिवेशनल
♦ स्ट्रेस रिलीविंग
♦ फील हैप्पी
♦ डीप रिलेक्सेशन
♦ माइंडफुलनेस
♦ कलर थैरेपी
कॉर्पोरेट इवेंट्स में आती है डिमांड
कॉर्पोरेट इंवेंट्स से लेकर मैनेजमेंट ट्रेनिंग व वर्कशॉप में प्रोफेशल्स के लिए कलरिंग सेशन रखे जाते हैं जिसमें मोटिवेशनल कोट्स जैसी कलरिंग बुक्स की डिमांड आती है। -विजय भदौरिया, मैनेजर, लैंडमार्क
बेहतर महसूस करने का जरिया
अब कलरिंग बुक के जरिए कलर थैरेपी कराई जाती है जिससे रंगों के माध्यम से व्यक्ति पहले से बेहतर महसूस करता है। -डॉ. मेधावी चौरे, कम्युनिकेशन एक्सपर्ट