डेडबॉडी में 18 घंटे जीवित रह सकता है स्पर्म, गर्भधारण भी संभव

डेडबॉडी में 18 घंटे जीवित रह सकता है स्पर्म, गर्भधारण भी संभव

भोपाल। अब मृत देह से भी जिंदगी मिल सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि मृत्यु के बाद हार्ट, किडनी, लिवर जैसे अंग कुछ ही घंटों में खत्म हो जाते हैं, लेकिन स्पर्म मौत के 18 घंटे बाद तक डेडबॉडी में जीवित रह सकता है। इन स्पर्म से गर्भधारण किया जा सकता है। यह चौंकाने वाली जानकारी एम्स, भोपाल में हो रहे एक शोध के प्राथमिक चरण के नतीजों से सामने आई है। इसके मुताबिक स्पर्म न केवल घंटों तक जीवित रह सकता है, बल्कि वैज्ञानिक पद्धति से प्रिजर्व भी किया जा सकता है। देश में पहली बार एम्स, भोपाल में इस तरह का रिसर्च हो रहा है। 3 साल तक चलने वाली इस रिसर्च में मृत शरीर में जीवन की तलाश की जा रही है। इसकी रिपोर्ट आईसीएमआर को सौंपी जाएगी। एम्स के फॉरेंसिक विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. राघवेंद्र बिदुआ, डॉ. अरनीत अरोरा और एडिशनल प्रोफेसर पैथोलॉजी डॉ. अश्वनी टंडन सहित दो जूनियर रिसर्च फैलो एक साल से इस विषय पर रिसर्च कर रहे हैं।

अब तक 60 डेडबॉडी पर शोध 

डॉ. बिदुआ के मुताबिक, अब तक 60 डेड बॉडी पर रिसर्च किया जा चुका है। इनसे मिले नतीजे उत्साहजनक हैं। हालांकि इसे फाइनल फाइंडिंग्स नहीं माना जा सकता। अभी रिसर्च में कई और बिंदुओं पर जांच की जाएगी। शोध के नतीजे आने में अभी दो साल और लगेंगे।

70% लोगों ने माना जरूरी

रिसर्च के दौरान मृतकों के परिजनों को इसकी जानकारी देकर 20 सवाल किए गए। करीब 70 फीसदी लोगों का मानना है कि इस शोध की जरूरत है। लोगों का मानना है कि इस शोध से कई परिवारों को मदद मिलेगी।

किया जा सकता है प्रिजर्व

शोध के दौरान स्पर्म को माइनस 80 डिग्री पर फ्रीज किया गया। इसके बाद इसे सामान्य तापमान पर रखा गया। इस तरह स्पर्म को पांच दिनों तक जीवित रखा गया। इस तकनीक को क्रायोप्रिजर्वेशन कहते हैं।

इन तीन बिंदुओं पर हो रही है रिसर्च

1. मृत शरीर में स्पर्म कब तक जीवित रह सकते हैं ?

2. भारतीय समाज में परिवार की फीमेल के लिए इस व्यवस्था की स्वीकार्यता कितनी है ?

3. व्यक्ति की मौत के कितने समय बाद तक स्पर्म गतिशील रह सकते हैं और उनकी संख्या किस औसत से घटती है ?

स्पर्म बैंक भी बना सकेंगे

प्रिजर्वेशन तकनीक के कारगर होने पर इस प्रोजेक्ट के बाद स्पर्म बैंक बनाने की भी योजना बनाई जाएगी।