बिलकिस बानो केस में राज्य सरकार का जवाब बोझिल है

नई दिल्ली। गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप के दोषियों की रिहाई के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने गुजरात सरकार से कई तीखे सवाल करते हुए कहा कि इस मामले में सरकार का जवाब बहुत बोझिल है। मामले की सुनवाई 29 नवंबर को होगी। जस्टिस अजय रस्तोगी व जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच ने कहा कि गुजरात सरकार ने बीती रात इस मामले में भारी भरकम हलफनामा दाखिल किया। उन्होंने कहा कि हमने भी इसे सुबह अखबारों में पढ़ा। जस्टिस अजय रस्तोगी ने तीखे सवाल करते हुए कहा कि सरकार ने जवाब में इतने फैसलों का हवाला क्यों दिया? गुजरात सरकार की ओर से पेश हुए एसजी तुषार मेहता ने कहा कि अजनबी आपराधिक मामलों में कोर्ट नहीं जा सकते।
राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर साधा निशाना
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए ट्विटर पर लिखा कि लाल किले से महिला सम्मान की बात लेकिन असलियत में 'बलात्कारियों' का साथ। पीएम के वादे और इरादे में अंतर साफ है, पीएम ने महिलाओं के साथ सिर्फ छल किया है।
गुजरात सरकार ने अच्छे आचरण को बताया था जल्दी रिहाई की वजह
गुजरात सरकार ने 2001 के गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप के दोषियों को सजा कम कर समय से पहले रिहा कर दिया था। सरकार का तर्क था कि अच्छे आचरण के कारण उनकी सजा कम हुई है। बिलकिस बानो के गुनहगारों की सजा पूरी होने से पहले रिहाई का विरोध करते हुए कई संगठनों ने गुजरात सरकार से फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की थी। बाद में ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। इधर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बिलकिस बानो गैंगरेप केस के 11 दोषियों की रिहाई का बचाव करते हुए कहा है कि उन्हें नहीं लगता कि इसमें कुछ भी गलत हुआ। उन्होंने कहा, रिहाई कानून के मुताबिक हुई है। जेल में काफी समय बिताने वाले दोषियों की रिहाई के लिए कानून में प्रावधान है।