कोरोना से बचने देशी जड़ीबूटियों का सहारा, हर घर में हो रहा इस्तेमाल

कोरोना से बचने देशी जड़ीबूटियों का सहारा, हर घर में हो रहा इस्तेमाल

जबलपुर । कोरोना महामारी को लेकर हर घर में भय का माहौल है। मुसीबत यह है कि इस महामारी की अब तक एलोपैथी में कोई भी कारगर दवा सामने नहीं आई है,ऐसे में लोग एक बार फिर दादी-नानी कि नुस्खों पर लौटने लगे हैं। घरों में हल्दी, सौंठ, लौंग, त्रिफला, गुड़ सहित औषधीय पत्तियों का चलन बढ़ गया है। आयुर्वेद में इम्यून शक्ति बढ़ाने वाली देशी दवाओं की बिक्री में जोरदार इजाफा हुआ है। होम्योपैथी पर भी लोगों का भरोसा बढ़ा है। अस्पतालों में कोविड संक्रमितों की उपस्थिति की आशंका लोगों को मामूली सर्दी, बुखार या अन्य समस्याओं में सरकारी या निजी अस्पतालों तक जाने में भय का संचार कर देती है। ऐसे में घरेलू नुस्खे अजमाए जा रहे हैं। आंतरिक शक्ति का विकास करने के लिए गूगल सर्च कर नुस्खे खोजे जा रहे हैं। देशी दवाएं व जड़ी-बूटियों की दुकानों पर भीड़ बढ़ी हैं।

ये नुस्खे चलन में

त्रिकूट पाउडर: जिला प्रशासन व आयुर्वेद विभाग ने शहर में जमकर फ्री में त्रिकूट चूर्ण का वितरण किया। इसमें कई देशी प्राचीन औषधियों का चूर्ण काढ़े के रूप में पीने से रोगों ने बचाव की शक्ति बताई गई है। ताबीज: काली जड़ी, गूगल, विधारा तीनों जड़ी बूटियों की एक-एक पीस को ताबीज बनाकर गले में पहनने से आंतरिक शक्ति के विकास व रोगों को शरीर तक आने से रोक देने की शक्ति बताई गई इसका चलन भी देखा जा रहा है। हल्दी, गुड़ की चाय: मौजूदा दौर में चिकित्सकों ने दिन भर में 3 से 4 बार काढ़ा या गर्म चाय इत्यादि का सेवन करने की राय दी है। जिसके अंतर्गत लोग गुड़,हल्दी या त्रिकूट चूर्ण,अदरक,सौंठ का उपयोग काली चाय या काढ़े के रूप में सेवन कर रहे हैं। पत्तियों का सेवन: कई लोग सुबह-सुबह तुलसी, अमरूद, अनार, अजवाइन आदि की पत्तियों का इस्तेमाल भी कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त अन्य बताई गई औषधीय पत्तियों को खोजकर इनका सेवन कर रहे हैं।