8 सालों में 10 हजार घरों को 24 घंटे पानी देने का दावा खोखला

8 सालों में 10 हजार घरों को 24 घंटे पानी देने का दावा खोखला

जबलपुर। स्मार्ट सिटी के गठन के साल 2016 से ही शहर को इतने सपने दिखाए गए कि लोगों को लगने लगा कि वे जल्द ही महानगर निवासी हो जाएंगे। आधे से ज्यादा प्रोजेक्ट तो पब्लिक प्राईवेट पार्टनरशिप यानि पीपीपी के बने थे जो समय के साथ हवा हो गए। इन्हीं में से एक दावा था स्मार्ट सिटी एरिया जो कि 750एकड़ चिन्हित किया गया था और ये गोलबाजार,राइट टाउन और नेपियर टाउन से लिया गया था में चौबीस घंटे जलप्रदाय किया जाना। साल दर साल गुजरते गए मगर ये प्रोजेक्ट आज तक पूरा नहीं हो पाया है।

दो साल पहले यहां के 1800 परिवारों को चौबीस घंटे पानी देने की व्यवस्था कर ली गई और इनके घरों में मीटर भी लगा दिए गए। इन दो सालों में करीब डेढ़ हजार लोगों को चौबीसों घंटे पानी मिलने भी लगा मगर अभी भी इनमें से 300 लोग पानी के लिए मारे- मारे घूम रहे हैं इनकी पुरानी लाइनें काट दी गई हैं और नई लाइन से पानी मिल नहीं रहा है। ऐसे में ये 300 परिवार नगर निगम की स्मार्ट व्यवस्थाओं को कोसने के अलावा कुछ नहीं कर पा रहे हैं।

पूरे शहर लागू होना है व्यवस्था

10 लाख से ऊपर की आबादी के शहरों में चौबीसों घंटे जलप्रदाय की योजना सरकार ने बनाई है। दो साल में इसका सर्वे तक नहीं हुआ है। इस व्यवस्था के चलते लोगों को उपयोग करने वाले पानी का शुल्क मीटर के मुताबिक चुकाना है। प्रति हजार लीटर पानी के बदले उन्हें 11 रुपए का भुगतान करना है। 8 सालों में जब 10 हजार परिवारों को पानी चौबीसों घंटे उपलब्ध नहीं करवाया जा सका तो पूरे शहर जिसकी आबादी 15 लाख से ऊपर है को इस योजना का लाभ देने में सदियों लग जाएंगी।

नेपियर टाउन में लाइन तक नहीं डाली गई

इस योजना के अंतर्गत नेपियर टाउन में तो अभी तक पानी की लाइन तक नहीं डाली गई है। यह काम इतनी धीमी गति से चल रहा है कि अभी 6 महीने और लग सकते हैं। यही वजह है कि यहां पर अब तक कनेक्शन तक नहीं हुए हैं।

18 सौ कनेक्शन दिए जा चुके हैं।कुछ जगह पर पानी की समस्या आ रही है जिसे जल्द ही दूर कर दिया जाएगा। सीपी गोहल,सीईओ,स्मार्ट सिटी।

स्मार्ट सिटी की स्मार्ट वर्किंग कैसी है ये सामने आ रहा है। इतने साल बीत गए मगर 10 हजार परिवारों को चौबीसों घंटे पानी नहीं दे पाए। जैसे तैसे 18 सौ कनेक्शन किए तो इनमें से 300 को पानी ही नहीं मिल रहा है। अरुण गुप्ता,नागरिक।