विंध्य क्षेत्र में चुनावी ऊंट की करवट बदलने में ताकत झोंक रहा ‘हाथी’

विंध्य क्षेत्र में चुनावी ऊंट की करवट बदलने में ताकत झोंक रहा ‘हाथी’

राजीव सोनी-भोपाल।  के दूसरे चरण की 6 सीटों पर 26 अप्रैल को वोट पड़ेंगे। खजुराहो सहित 6 सीटों की मैदानी जंग में ज्यादातर क्षेत्रों में भाजपा बढ़त पर है। मंदिरों की नगरी खजुराहो में पहले दिन से ही भाजपा के लिए वॉकओवर की स्थिति बन गई है। लेकिन विंध्य अंचल के रीवा-सतना में बदलते जातीय और सियासी समीकरणों के चलते चुनावी टक्कर की नौबत बन सकती है। इन दोनों सीट पर बसपा का हाथी चुनावी ऊंट की करवट बदलने पूरी ताकत झोंक रहा है। बसपा सुप्रीमो मायावती चुनावी सभाएं कर चुकी हैं। दमोह और होशंगाबाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अन्य नेताओं की भी जनसभाएं हो चुकी हैं।

रीवा : दांव पर साख

रीवा में मौजूदा सांसद जनार्दन मिश्रा तीसरी बार मैदान में है जबकि कांग्रेस ने पूर्व विधायक नीलम अभय मिश्रा को उम्मीदवारी सौंपी है। बसपा प्रत्याशी अभिषेक पटेल के लिए मायावती भी चुनावी सभाएं कर चुकी हैं।

सतना : पुरानी जोड़ी

भाजपा छोड़कर गए पूर्व विधायक नारायण त्रिपाठी सतना में बसपा की ओर से मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने में जुटे हैं। भाजपा ने गणेश सिंह को पुन: मैदान में उतारा है। कांग्रेस से सिद्धार्थ कुशवाह उनके सामने हैं।

खजुराहो: एकतरफा चुनाव

यहां गठबंधन के चलते कांग्रेस पहले ही चुनाव मैदान से बाहर थी। समाजवादी पार्टी की मीरा यादव का फॉर्म रिजेक्ट होने के बाद चुनाव अब एकतरफा है। भाजपा के सामने कोई बड़ा सियासी पहलवान ही नहीं बचा।

टीकमगढ़: पलायन का मुद्दा

कांग्रेस ने यहां केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार के सामने पंकज अहिरवार जैसे नए चेहरे पर दांव लगाया है। क्षेत्र में दशकों से रोजगार के साधन न होने से पलायन की समस्या यथावत बनी हुई है।

दमोह: लोधीद्वय की जंग

भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों ने इस बार भी लोधी प्रत्याशियों पर दांव लगाया है। भाजपा के राहुल लोधी और कांग्रेस ने तरबर लोधी को उम्मीदवारी सौंपी है। 2020 के सियासी उलटफेर में राहुल कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे।

होशंगाबाद : पारंपरिक गढ़

भाजपा के पारंपरिक गढ़ होशंगाबाद में पार्टी ने इस बार दर्शन सिंह चौधरी पर दांव लगाया है। उनके मुकाबले में कांग्रेस के पूर्व विधायक संजय शर्मा मैदान में हैं। दर्शन सिंह चौधरी केंद्र और राज्य की योजनाओं के अलावा मंदिर और सनातन पर फोकस करने में जुटे हैं।

उलटफेर की स्थिति नहीं

विंध्य में बसपा दूसरे नंबर की ताकत रह चुकी है। इसलिए जोर भी लगा रही है लेकिन उलटफेर करने की स्थिति में नहीं। उसका वोट बैंक भाजपा में शिफ्ट हो चुका है। -जयराम शुक्ल , राजनीतिक विश्लेषक