हर हर महादेव के उद्घोष के साथ निकली सराफेश्वर महादेव की भव्य शाही सवारी

इंदौर। सावन सोमवार के अवसर पर शहर में सराफेश्वर महादेव की शाही सवारी निकली। शहर के विभिन्न शिवालयों में अलसुबह से भक्तों की आवाजाही शुरू हो गई। अलग-अलग मंदिरों में शिवशंकर का विशिष्ट शृंगार किया गया। मंदिरों के बाहर बेलपत्र, धतूरा, विजया (सूखी भांग), बेलपत्र व कुछ फूल रखी पुड़ियां 10 से 20 रुपए तक में बिकी। मनकामेश्वर मंदिर आदि में भक्तजनों को पूजन सामग्री नि:शुल्क उपलब्ध कराई गई। मंदिरों के बाहर फरियाली वितरण के भी आयोजन हुए। आज का दिन भोले की पूजा के साथ सर्वसिद्धि देने वाले रुद्राक्ष को धारण करने का सबसे उत्तम मौका रहता है। शिवभक्तों ने सावन मास को शिवमय कर दिया है। परदेशीपुरा स्थित गुटकेश्वर महादेव मंदिर पर बाबा का आकर्षक शृंगार किया गया।
अलसुबह से महिला भक्त दर्शनार्थ आने लगी थीं। दोपहर तक कई शिवालयों पर बेलपत्र, धतूरा नदारद हो गया। एरोड्रम रोड स्थित विद्याद्याम पर भोलेनाथ व माता पार्वती का दूल्हा-दुल्हन के रूप में श्रृंगार किया गया। दिनभर रुद्राभिषेक के आयोजन हुए। पचकुइया स्थित वीर अलीजा सरकार हनुमान मंदिर में हनुमानजी का डॉक्टर के तौर पर शृंगार किया गया। काशी विश्वनाथ के रूप में विराजे-श्रावण के पांचवें सोमवार को प्राचीन हंसदास मठ स्थित हंसेश्वर महादेव का काशी विश्वनाथ में विराजित बाबा भोलेनाथ के रूप में केलों, फूलों, पत्तियों एवं सुगंधित द्रव्यों से मनोहारी श्रृंगार किया गया। महामंडलेश्वर स्वामी रामचरणदास महाराज के सान्निध्य में भगवान पद्मनाभ का अभिषेक कर महिलाओं ने महाआरती की और सवा क्विंटल साबूदाने की फलाहारी खिचड़ी का प्रसाद वितरण किया।
रुद्राक्ष है बड़ा चमत्कारी
महंत गोस्वामी कमलगिरि महाराज के अनुसार पूजन- अर्चन में रुद्राक्ष का बड़ा महत्व है। रुद्राक्ष धारण कर शिव रुद्राभिषेक पूजन अर्चन करने से शिव शीघ्र प्रसन्न होकर भोग मोक्ष प्रदान करते है। हजारों वर्षों तक तप करने से शिव के नेत्रों से आंसू गिरे जो रुद्राक्ष बने। बेर के फल बराबर रुद्राक्ष सुख सौभाग्य देने वाला, आंवले के फल बराबर अरिष्टों का विनाश करने वाला और रुगुंजाफल के समान बहुत छोटा होता है वह सम्पूर्ण मनोरथों और फलों की सिद्धि करने वाला होता है। रुद्राक्ष जैसे-जैसे छोटा होता है, वैसे-वैसे अधिक फल देने वाला होता। छोटे रुद्राक्ष को बड़े रुद्राक्ष से दस गुना अधिक फल देने वाला मानते हैं। रुद्राक्ष धारण करने से पापों का नाश ही नहीं होता, बल्कि यह मनोरथों का साधक है।