कलेक्टर कार्यालय के लेखा शाखा प्रभारी ने किया एक करोड़ का गबन

इंदौर। इंदौर कलेक्टर कार्यालय में एक करोड़ से अधिक की राशि के कथित गबन का मामला प्रकाश में आया है। जिला कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने प्रथम दृष्टया आरोप सही पाए जाने पर यहां लेखा शाखा में पदस्थ मिलाप चौहान (सहायक ग्रेड तीन) को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। कलेक्टर ने चौहान के खिलाफ इसी मामले में एक आपराधिक एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश भी दिए हैं।
वरिष्ठ जिला कोषालय अधिकारी टीएस बघेल ने बताया कलेक्टोरेट के तमाम देयकों का आयुक्त, कोष एवं लेखा कार्यालय से आए निरीक्षण दल ने अवलोकन किया था। 16-17 मार्च को जिला कोषालय दल के निरीक्षण में देयकों का परीक्षण किया गया, जिसमें दल को गंभीर गड़बड़ी मिली। मामले की जांच अपर कलेक्टर राजेश राठौर, संयुक्त कलेक्टर मुनीषंसिंह सिकरवार, डिप्टी कलेक्टर रोशनी वर्द्धमान, वरिष्ठ जिला कोष व लेखा अधिकारी टीएस बघेल सहित अन्य अधिकारी कर रहे है।
ऐसे की गड़बड़ी जांच में सामने आया कि मिलाप चौहान के वेतन बैंक खाता से उसी की पत्नी मनीषा बाई के मेसर्स एक्सट्रीम सॉल्यूशन के नाम से वेण्डर बनाकर भुगतान किया। इसी खाते में ई-पेमेंट फैल्ड चालानों को विभिन्न रिफण्ड देयकों से भुगतान किए गए, जिसकी प्रथम दृष्टया राशि एक करोड़ रुपए से अधिक होना प्रतीत होता है, जो आर्थिक अनियमितता एवं वित्तीय गबन की श्रेणी में आता है।
किसानों की राहत राशि में लगाई सेंध
विभागीय सूत्रों ने बताया, दरअसल कीट व्याधि से होने वाले फसल के नुकसान की सरकार द्वारा किसानों की दी जाने वाली राशि में घोटाला हुआ है। चार साल से किसानों के खाते में सरकार राहत राशि भेजती रही। तकनीकी गड़बड़ियों के कारण फेल होने वाले ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की राशि में मिलाप खयानत कर लेता था। मिलाप बीते चार वर्षों में यह राशि अपनी पत्नी के बैंक खाते में ट्रांसफर करता रहा।