सफर अभी शुरू हुआ है, 60 साल होने के बाद बता पाऊंगा कि सक्सेस किसे कहते है

सफर अभी शुरू हुआ है, 60 साल होने के बाद बता पाऊंगा कि सक्सेस किसे कहते है

 मैं बाइक राइड बनाना चाहता था, लेकिन बन नहीं सका। 8वीं से 12वीं तक फुटबॉल खेली और अच्छा भी खेलता था लेकिन सिलेक्शन नहीं हुआ, क्योंकि कई बड़े घर के बच्चे भी साथ में खेलते थे। म्यूजिक की अच्छी बात यह है कि यहां बड़े घर से बच्चे आ तो जाएंगे, लेकिन काबिलियत जिसमें होगी वह आगे आएगा। यह कहना था, प्लेबैक सिंगर किंग का। जो कि गुरुवार को एम्स में चल रहे रेटिना इवेंट में प्रस्तुति देने के लिए भोपाल आए हुए थे। इस दौरान उन्होंने आईएम भोपाल से खास बातचीत की। किंग कहते हैं, कि मेरे आप-पास रहने वाले लोगों को भी नहीं पता था कि मैं सिंगिंग में रूचि रखता हूं। जब सबके समाने सिंगिंग की तो बहुत प्रोत्साहित किया। इसके बाद सिंसिंग का सफर शुरू हुआ। इसके बाद मैंने सोचा कि कुछ अलग से नाम रखा जाए, नाम पर ही ज्यादा फोकस रखा, और फिर ऐश किंग नाम दिया। लोगों को मेरा गाना पसंद आया। 19 साल की उम्र में मैंने अपना पहला म्यूजिक वीडियो यू- ट्यूब पर रिलीज किया, जिसमें सिर्फ 100 व्यूज मिले थे।

जरूरी नहीं रियलिटी शो में पहचान मिले : रियलिटी शो के बारे में किंग ने कहा कि सब चीजे सही तरीके से अपनी जगह पर अप्लाई करें, तो वह काम करती है। हर किसी का बूम नहीं मिलता, जरूरी न

हीं है कि सिंगिंग रियलिटी शो से ही गायक को पहचान मिले।

कई बॉलीवुड प्रोजेक्ट है : सक्सेस के सवाल पर किंग ने कहा कि अभी सफर शुरू हुआ है, जब मैं 60 साल का हो जाऊंगा तो बता पाऊंगा कि सक्सेस किसे कहते हैं। उन्होंने कहा कि अभी कई बॉलीवुड फिल्मों के प्रोजेक्ट पर काम कर रहा हूं। जल्द ही लोगों को कुछ नया सुनने को मिलेगा।

मेरा काम है मैसेज छोड़ना, लोगों को अच्छा फील करना

रैपिंग में सोशल मैसेज की बात पर किंग ने कहा कि मैं मानता हूं कि दुनिया मैं बहुत इश्यू है, हम सबको उन इश्यू के बारे में पता हैं। मुझे ऐसा लगता है कि मैं पॉलिटिक्स में होता या बड़े पद पर अधिकारी होता तो अलग तरह से एक्शन लेता। लेकिन मैं एक कलाकार हूं, मेरा काम है मैसेज छोड़ना, लोगों को अच्छा फील करना। उन्होंने कहा कि मेरा टीवी पर आना पैरेंट्स के लिए बड़ी बात थी, मुझे मौका मिलता हैं रेडियो या फिर टीवी पर जाने का तो मैं जरूर जाता हूं।