साल के आखिरी दिनों में बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा

साल के आखिरी दिनों में बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा

न्यूयॉर्क। हर वर्ष का आखिरी सप्ताह लोगों के लिए उत्सव मनाने का मौका होता है, लेकिन विशेषज्ञों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि इसी समय हार्ट अटैक से होने वाली मौतों की संख्या में उछाल आ जाता है। अमेरिका में क्रिसमस एवं नववर्ष के बीच की अवधि के दौरान हार्ट अटैक के मामले लगभग 40 प्रतिशत बढ़ जाते हैं। डॉक्टरों ने पारिवारिक तनावों, ट्रैवल, ठंडे मौसम आदि को इसके लिए जिम्मेदार माना है। अमेरिकी राज्य इलनॉइज के इवेंस्टन स्थित दक्षिण- पश्चिम यूनिवर्सिटी में कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ. डोनाल्ड लॉयड जोंस का कहना है कि अवकाश के मौसम के दौरान विभिन्न प्रकार के तनाव होते हैं। इस समय अपने ससुराल वालों को डील करना एवं यात्रा के लिए व्यवस्थाएं करना जैसे कार्य तनाव बढ़ा देते हैं। वर्ष के अन्य सप्ताहों के दौरान हार्ट अटैक की दर स्थिर रहती है, जबकि गर्मी के मौसम में मामलों में मामूली कमी आ जाती है। साल के आखिरी सप्ताह क्रिसमस से लेकर नववर्ष के बीच की अवधि में हार्ट अटैक के मामले बढ़ना शुरू हो जाते हैं।

पूरी दुनिया में मौत की ओर ले जाते हैं हृदय रोग

यूएस में हर साल लगभग 8 लाख लोग हार्ट अटैक की पीड़ा से गुजरते हैं, इनमें से आधे गंभीर किस्म के होते हैं। इस झटके से जो लोग बच भी जाते हैं, वे आगे के जीवन में इसकी पुनरावृत्ति की आशंका वाले लोगों की सूची में आ जाते हैं।

हार्ट अटैक आने का तनाव सबसे बड़ा कारण

वशेषज्ञों ने कुछ ऐसे कारणों की पहचान की है, जो इसके लिए उत्तरदायी होते हैं। हृदय से संबंधित समस्या का एक मुख्य कारण तनाव होता है, जिसके कारण ब्लड प्रेशर हाई हो जाता है। समय के साथ हाई ब्लड प्रेशर के कारण धमनियां क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, जिससे उनमें मैल जमने लगता है। नतीजतन आॅक्सीजन समृद्ध रक्त को हार्ट तक पहुंचने में कठिनाई होने लगती है और जब शरीर के इस महत्वपूर्ण हिस्से में आॅक्सीजन की कमी होने लगती है तो हार्ट अटैक की समस्या होती है।

अमेरिका में 20 प्रतिशत मौतें हृदय रोग से

अमेरिका में होने वाली कुल मौतों में से 20 प्रतिशत मौतें हृदय रोगों के कारण होती हैं। इसके कारण हार्ट अटैक भी आ सकता है। अमेरिका ही नहीं पूरी दुनिया में हृदय संबंधी रोग मौत का कारण बनते हैं। अमेरिका में मोटापा एवं लोगों के अधिक वजनी होने संबंधी समस्याएं अधिक हैं। इसके अलावा खानपान और जीवन शैली भी। इसलिए अन्य देशों की तुलना में यहां हृदय संबंधी जटिलताएं अधिक होती हैं।