अमेरिका जैसी होंगी देश की सड़कें घटेगी दिल्ली की दूरी

अमेरिका जैसी होंगी देश की सड़कें घटेगी दिल्ली की दूरी

नई दिल्ली।  केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को संसद में देश की सड़कों का रोडमैप सामने रखा। गडकरी ने कहा कि 2024 से पहले देश की सड़कों को अमेरिका जैसा कर दिया जाएगा। इस साल दिसंबर तक दिल्ली से कई शहर 2 घंटे की दूरी पर होंगे। इसके साथ ही श्रीनगर से मुंबई की सड़क से दूरी महज 20 घंटे रह जाएगी। गडकरी ने कहा, अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन कैनेडी का एक वाक्य मैं हर समय याद रखता हूं- अमेरिका की सड़कें इसलिए अच्छी नहीं हैं क्योंकि अमेरिका अमीर देश है। अमेरिका इसलिए अमीर है, क्योंकि यहां की सड़कें बहुत अच्छी हैं। 2024 खत्म होने से पहले हिन्दुस्तान का रोड इंफ्रास्ट्रक्चर अमेरिका के बराबर होगा, यह मैं विश्वास दिलाना चाहता हूं। केंद्रीय मंत्री ने कहा मेरठ के लोगों ने बताया कि हम कनॉट प्लेस जाते हैं और आइसक्रीम खाते हैं और वापस आते हैं। यह बताइए साढ़े 4 घंटे अगर गाड़ी चलेगी, जितना पेट्रोल डीजल जलेगा, वह 40 मिनट में बजट हो जाएगा। वह हम टोल लेते हैं।

दिल्ली से कई शहर महज 2 घंटे की दूरी पर होंगे

गडकरी ने कहा कहा कि इस साल दिसंबर से पहले दिल्ली से कई शहर 2 घंटे की दूरी पर होंगे। उन्होंने इसकी लिस्ट गिनाते हुए कहा कि दिल्ली से जयपुर 2 घंटे में, दिल्ली से हरिद्वार 2 घंटे में, दिल्ली से देहरादून 2 घंटे में, दिल्ली से जयपुर 2 घंटे में, दिल्ली से अमृतसर 4 घंटे में, दिल्ली से मुंबई 12 घंटे में इसी साल दिसंबर से पहले हम संभव कर देंगे। उन्होंने कहा कि साउथ में भी यह काम चल रहा है। चेन्नै से बेंगलुरू की दूरी भी 2 घंटे हो जाएगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा सड़कों के विकास की यह लिस्ट लंबी है।

ग्रीन हाइवे कहां से आया?

गडकरी ने कहा, मेरे साथ तमिलनाडु का एक अच्छा लड़का काम कर रहा है। वर्ल्ड बैंक में काम कर रहा था। उसने एक दिन मुझे गूगल पर सड़कें दिखाई और दिल्ली से चेन्नै रेस मार दी। और बताया कि कैसे घूमते घूमते सड़कें जाती हैं। उसके आइडिया के बाद ग्रीन हाइवे पर काम शुरू किया। हम 8 लेन बनाते हैं, तो भी 1 किमी काउंट करते हैं। 6 लेन बनाते हैं, तब भी 1 ही किमी काउंट करते हैं। 4 लेन बनाते हैं, तब भी 1 किमी काउंट करते हैं। उसी के आधार पर हमने पिछले साल 38 किमी प्रति दिन सड़कें बनाईं।

पेट्रोल वाहनों के बराबर होगी एश् की कीमत

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, के लिए अनुदान की मांगों पर जवाब देते हुए, गडकरी ने लागत प्रभावी स्वदेशी ईंधन को स्थानांतरित करने की आवश्यकता पर जोर दिया और आशा व्यक्त की कि यह ईंधन जल्द ही एक वास्तविकता बन जाएगा, जिससे प्रदूषण का स्तर कम हो जाएगा। प्रौद्योगिकी और हरित ईंधन में तेजी से प्रगति से इलेक्ट्रिक आॅटोमोबाइल की लागत कम हो जाएगी, जिससे वे अगले दो वर्षों में पेट्रोल से चलने वाले वाहनों के बराबर हो जाएंगे। गडकरी ने सांसदों से परिवहन के लिए हाइड्रोजन तकनीक अपनाने का आग्रह करते हुए उन्हें अपने-अपने जिलों में सीवेज के पानी को हरित हाइड्रोजन बनाने के लिए पहल करने को कहा। उन्होंने कहा कि हाइड्रोजन जल्द ही सबसे सस्ता ईंधन विकल्प होगा। गडकरी ने कहा, मैं अधिकतम दो वर्षों के भीतर कह सकता हूं, इलेक्ट्रिक स्कूटर, कार, आॅटोरिक्शा की कीमत पेट्रोल से चलने वाले स्कूटर, कार, आॅटोरिक्शा के बराबर होंगे। लिथियम-आयन बैटरी की कीमतें कम हो रही हैं। हम जिंकआ यन, एल्यूमीनियम-आयन, सोडियम-आयन बैटरी की इस रसायन शास्त्र को विकसित कर रहे हैं।