मार्च से ही लिखी जा रही थी भाजपा में आने की स्क्रिप्ट

मार्च से ही लिखी जा रही थी भाजपा में आने की स्क्रिप्ट

भोपाल। बड़ामलहरा विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी के भाजपा में आने की स्क्रिप्ट मार्च से ही लिखी जा रही थी। कमल नाथ सरकार के तख्तापलट के दिन 20 मार्च की शाम को लोधी शिवराज सिंह चौहान के बंगले पर उनसे मिलने भी पहुंचे थे, लेकिन मीडिया को देखकर लौट गए थे। असल में जिस समय कांग्रेस के 22 विधायक बगावत पर उतारू थे, उस समय लोधी अन्य तीन साथी विधायकों के साथ भाजपा में शामिल होने के प्रयास में थे। मामला बढ़ता देख इन तीनों ने बाद में भाजपा में शामिल होने की खबरों का खंडन करते हुए मीडिया पर मानहानि का मुकदमा दर्ज करने की धमकी दी थी। बाद में सिंधिया समर्थक 22 विधायकों के आने के बाद भाजपा ने उनका मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया था। अब भाजपा प्रदेश में 25 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में लोधी वोट बैंक को लुभाने के लिए प्रद्युम्न सिंह लोधी का इस्तेमाल करेगी। गौरतलब है कि मेहंगाव सहित अन्य विधानसभा क्षेत्रों में लोधी वोटर्स बहुतायत में हैं।

संघ समर्थक हैं लोधी : उमा भारती समर्थक होने के साथ ही लोधी संघ पृष्ठभूमि से हैं। वे उमा भारती को अपना राजनीतिक गुरु मानते हैं। 2003 में जब उमा भारती पहली बार सीएम बनी थीं, तो वह बड़ा मलहरा सीट से ही विधायक चुनी गई थीं। विधानसभा चुनाव से कुछ समय पहले ही लोधी कांगे्रस में शामिल हो गए थे।

2018 में जीते चुनाव

बड़ा मलहरा विधानसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी ललिता यादव को हराकर प्रद्युम्न सिंह लोधी विधानसभा पहुंचे थे। गौरतलब है कि इस सीट पर करीब 2 लाख मतदाता हैं, जिनमें पिछड़े वर्ग की आबादी सबसे ज्यादा है। लोधी, राजपूत और यादव समुदाय के समर्थन के बगैर इस सीट पर जीत मुमकिन नहीं है।