कुप्रथा का दाग: गर्म सलाखों का दर्द चार दिन में दो ‘लाडलियों’ ने तोड़ा दम

कुप्रथा का दाग: गर्म सलाखों का दर्द चार दिन में दो ‘लाडलियों’ ने तोड़ा दम

शहडोल से मयंक तिवारी। शहडोल से 20 किमी दूर सिंहपुर के ग्राम कठौतिया तक बेहतर सड़क, बिजली और पानी तो पहुंचा, लेकिन जागरूकता अभी भी इन ग्रामीण टोलों की पगडंडियों पर राह भटक रही है। ढाई माह की रुचिका कोल की 51 बार गर्म सलाखों से दागने से 1 फरवरी को और 4 फरवरी को सामतपुर निवासी 3 माह की शुभी कोल ने भी पेट पर दागे जाने के बाद दम तोड़ दिया। प्रशासन हरकत में आया और कठौतिया-सामतपुर में पदस्थ आशा कार्यकर्ता व सहयोगिनी की सेवा समाप्त करने के साथ ही सिंहपुर बीएमओ को नोटिस थमा दिया। साथ ही सीएचओ समेत अन्य मैदानी स्तर के अधिकारी कर्मचारियों का गांव से तबादला कर दिया है। पीपुल्स समाचार की टीम ग्राउंड रिपोर्टिंग के लिए पहुंची तो जिले में आधा दर्जन से ज्यादा बच्चों को दागे जाने की जानकारी सामने आई है।

सर्वे कर रही टीम को मिले आधा दर्जन से अधिक दागे गए बच्चे

केस-1 कुरियाटोला निवासी सुमन (बदला हुआ नाम) ने बताया कि उसकी बच्ची 3 माह की है। उसने खुद ही अपनी बच्ची को खूंटी से दागा है। पति ने बताया कि, जब वह खेत से लौटा तब उसे पता चला की बच्ची के पेट पर पत्नी ने दागा था।

केस-2 कठौतिया निवासी ने ज्योति (बदला नाम) ने बताया उसकी सास ने उसकी बच्ची के पेट में हंसिए से दागा है। उसकी बेटी 3 माह की है। दागे जाने को लेकर उसका कहना था कि सास ने किया है तो कुछ प्रथा होगी।

क्या कहते हैं बीएमओ

इस संबंध में सिंहपुर के बीएमओ डॉ. योगेंद्र कुमार पासवान का कहना है कि हम लगातार अभियान चलाते रहे हैं, फिर भी यह घटना सामने आने के बाद हमारी टीम सजग होकर कार्य कर रही है। आप से जो भी जानकारी मिली है, उन बच्चों के परिजनों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं।

कितना सच-कितना झूठ

सामतपुर में बच्ची की मौत के बाद दादा शोभेलाल ने बताया कि पोती को खुजली की समस्या थी। पहले शहडोल मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया, फिर जिला अस्पताल ले गए। यहां भी इलाज नहीं मिला। निजी अस्पताल ले गए, लेकिन रास्ते में ही बच्ची की मौत हो गई। उपचार नि:शुल्क होना था, लेकिन सबके पैसे मांगे गए।

इसलिए दागे जाते हैं बच्चे

पेट फूलना, सांस लेने में तकलीफ, सर्दी और निमोनिया की शिकायत, हाथ-पांव और शरीर पर खुजली।

दो पर एफआईआर: सामतपुर निवासी एक संदिग्ध महिला को पुलिस पूछताछ के लिए थाने बुलाया है। रविवार को बच्चियों की मौत के मामले में पुलिस ने दो लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है।

इन टोलो में मिले संदिग्ध : आशा कार्यकर्ता उमा कोल ने बताया कि कुरइया टोला, कचरापानी, भगरटोला में इस तरह के आधा दर्जन से ज्यादा बच्चे मिले हैं, जिन्हें दागा गया है। जागरूकता के लिए हम जानकारी देते हैं। बच्चों के परिजनों को समझाइश देते है तो वे कहते हैं कि हमारी प्रथा है।