अत्याचार और अहंकार के बीच पनपते प्रेम की कहानी यहूदी की लड़की का नाट्य मंचन

अत्याचार और अहंकार के बीच पनपते प्रेम की कहानी यहूदी की लड़की का नाट्य मंचन

 यहूदी की लड़की नाटक भले ही 1913 में लिखा गया हो लेकिन आज भी प्रासंगिक है। जब-जब पारसी थिएटर का जिक्र होता है, आगा हश्र कश्मीरी का नाम अपने आप जबान पर आ जाता है। यहूदी की लड़की आगा हश्र का एक बहुचर्चित नाटक है। इस नाटक के माध्यम से लेखक ने यहूदियों पर होनेवाले रोमनों के अत्याचार को उभारकर, सत्ता के अहंकार तथा मानवीय भावनाओं की विजय का मनोरम आख्यान प्रस्तुत किया है। रंग श्री लिटिल बैले ट्रुप में शुक्रवार से शुरू हुए चार दिवसीय भीष्म साहनी नाट्य समारोह में पहले दिन इसी नाटक का मंचन किया गया। नाटक का निर्देशन अबैदुल्ला खान ने किया है। नाटक में 9 दृश्य, उर्दू के शब्दों का सही प्रयोग और 4 लाइव गीतों का प्रयोग किया गया।

नाटक की कहानी

एक रोमन शहजादा अपनी मंगेतर को छोड़कर यहूदी लड़की से प्रेम करने लगता है, लेकिन यह बात न तो यहूदियों को पसंद होती है और न ही रोमन राजा को। राजा को इस बात का पता चलते ही वह यहूदी अजरा और उसकी बेटी को मारने का आदेश देता है। राजा ब्रूट्स सत्ता बचाने के लिए धर्म परिवर्तन करने की बात करने लगता हैं और यहूदी बच्चे, महिलाओं और बूढ़ों को प्रताड़ित किया जाता है।