दुनिया में बड़ी तेजी से गिरी 2022 में डॉलर की हैसियत

दुनिया में बड़ी तेजी से गिरी 2022 में डॉलर की हैसियत

वॉशिंगटन। रिजर्व करेंसी के रूप में डॉलर की हैसियत को साल 2022 में अभूतपूर्व झटका लगा। यूरीजोन एसएलजे असेट मैनेजमेंट नाम की एक मार्केटिंग एजेंसी ने पिछले साल विभिन्न देशों के विदेशी मुद्रा भंडारों में अलग-अलग मुद्राओं की मौजूदगी के बारे में अपनी नई अध्ययन रिपोर्ट जारी की है। डॉलर में एक साल के अंदर आठ फीसदी की गिरावट देखी गई है। हालांकि, इसमें कहा गया है कि अभी भी सबसे बड़ी मौजूदगी डॉलर की ही है, लेकिन 2022 में इसकी मात्रा में भारी गिरावट आई। इस एजेंसी के रणनीतिकारों जोआना फ्रियरे और स्टीफन जेन ने अपनी अध्ययन रिपोर्ट को जारी करते हुए बताया कि 2022 के अंत में विदेशी मुद्रा भंडारों में डॉलर का हिस्सा घटकर 47 फीसदी रह गया। 2021 के अंत में डॉलर का हिस्सा 55 फीसदी था। जबकि, 2003 में विभिन्न देशों के विदेशी मुद्रा भंडारों में डॉलर का हिस्सा दो तिहाई (66 फीसदी) था। एक साल के अंदर 8 फीसदी की गिरावट असाधारण है।

रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण अलग-अलग मुद्राओं में लेन-देन

विश्लेषकों के मुताबिक रिजर्व करेंसी के रूप में डॉलर के हिस्से में तेज गिरावट यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद आने लगी। यूरीजोन की रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका और उसके सहयोगी देशों ने रूस के खिलाफ प्रतिबंध लगाने की असाधारण कार्रवाइयां कीं। इससे बहुतसे देश डॉलर में अपनी संपत्ति रखने को लेकर अनिच्छुक हो गए। यूक्रेन पर हमले के बाद अमेरिका और उसके साथी देशों ने डॉलर में रखी गई रूस 300 बिलियन डॉलर की संपत्ति जब्त कर ली थी। साथ ही उसे डॉलर में लेन-देन के सिस्टम स्विμट से बाहर कर दिया।