एक फिल्म में आरएसएस की प्रार्थना के शब्द बदले थे

एक फिल्म में आरएसएस की प्रार्थना के शब्द बदले थे

फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ में साल 2020 में शूट कर चुके थे। यह फिल्म एक ऑस्कर अवॉर्ड विनिंग फिल्म ‘फारेस्ट गम्प’ का हिंदी रीमेक है। यह कह सकते हैं कि यह एक इंडियन वर्जन है। उस फिल्म में एक रोल था कोच का पहले तो मैंने वो शूट किया। चूंकि उस रोल के लिए किसी और को सिलेक्ट किया था किसी कारण वश वे इस रोल को नहीं कर सके। एक महीने बाद मुझे उस ही रोल के लिए फिर से कॉल आया, क्योंकि आमिर खान अपनी फिल्म में एक्टिंग के साथ डायरेक्शन में भी रोल रखते हैं। उन्होंने मुझे कुछ डायलॉग लिखकर दिए और कहा कि बोल दीजिएगा। वो पहले मुझे परख रहे थे। उन्हें जब अच्छा लगा तब जो सीन पहले भी शूट हो चुके थे वे सीन दोबारा शूट किए गए। यह कहना है एक्टर श्रीकांत वर्मा का जो भोपाल अपनी वेब सीरीज की शूटिंग के लिए भोपाल में मौजूद थे।

आरएसएस की प्रार्थना के शब्द बदले, पसंद भी आए

अपनी एक फिल्म 'दम लगा के हईशा' के शूट के दौरान का किस्सा शेयर करते हुए एक्टर श्रीकांत ने बताया कि जब हम इसकी शूटिंग हरिद्वार में की थी। उस समय जो फिल्म का फर्स्ट सीन था की शाखा बाबू कैसा होना चाहिए वह मेरे मन में ख्याल चल रहा था। उस समय मैं रात में कहीं सफर कर रहा था मुझे लगा कि इसमें भी एक शाखा लगने का सीन होना चाहिए। चूंकि मैं बचपन में भी शाखा गया हूं उसकी प्रार्थना 'नमस्ते, सदा वत्सले मातृभूमे' उसको फिल्म में शब्दावली बदल दी थी। मैंने लिखा कि 'नमस्ते उन महापुरुषों को करते, जिन्होंने दिया ज्ञान जीवन का हमको'। मैंने उस प्रार्थना को उसी लय के साथ ही किया और काफी पसंद किया गया।

शूटिंग के दौरान डायरेक्टर बनाती थी अमरूद की सब्जी

एक्टर श्रीकांत वर्मा ने अपने फिल्म 'राम प्रसाद की तेरहवीं' के शूट के दौरान का किस्सा सुनाते हुए बताया कि डायरेक्टर और एक्टर सीमा पाहवा शूट करती थीं। उस दौरान फिल्म के सभी कलाकार एक महीने के लिए लखनऊ में थे। उसी बीच में मनोज पाहवा और उनका ट्रेनर वेट लॉस के लिए आए थे। वे एक कमरे में धीरे से मनोज सभी को बुलाकर समोसे-कचोरी और जलेबियां खिलाते थे। अब जो ट्रेनर था उसको भी बुलाकर खिलाते थे। जब दो तीन दिन बाद मैं जब सेट पर गया तो देखा कि ट्रेनर भाग गया । लखनऊ में जब शूट करते थे वहां सीमा जी अपना शॉट भी दे रही थी साथ में अमरुद की सब्जी बनाकर भी खिलाती थी।