फिर धोखा, 900 चीनी सैनिकों ने 200 भारतीय जवानों पर किया था हमला हमारे सैनिकों को कंटीले तार लगे डंडों से मारा, पहाड़ से फेंका

फिर धोखा, 900 चीनी सैनिकों ने 200 भारतीय जवानों पर किया था हमला हमारे सैनिकों को कंटीले तार लगे डंडों से मारा, पहाड़ से फेंका

  जम्मू/नई दिल्ली । 21 सालों के बाद चीन ने भारतीयों को करगिल युद्ध के नायक कैप्टन सौरभ कालिया और उनके पांच साथियों पर की गई बर्बरता की याद दिला दी है। पाकिस्तानी सेना ने करगिल युद्ध से पहले उन्हें भयानक यातनाएं देकर मार डाला था। ऐसा ही चीनी सेना ने सोमवार को भारतीय सैनिकों के साथ किया। इस संघर्ष में निहत्थे और लाल सेना के इरादों से अनजान भारतीय सैनिकों में से 20 जवान शहीद हो चुके हैं। चीनी सेना ने कायरतापूर्ण हरकत के बाद भारतीय जवानों के शवों और कथित तौर पर बंधक बनाए गए जवानों को वापस लौटाने से इंकार कर दिया था। फिर कई स्तर पर हुई बातचीत के बाद मंगलवार दोपहर को शवों को लौटाया और बंधकों को रिहा किया। हालांकि सूत्रों के अनुसार कुछ भारतीय जवानों व एक अफसर को फिलहाल लाल सेना ने रिहा नहीं किया है, पर भारतीय सेना इसकी ना तो पुष्टि कर रही थी और न ही खंडन। लेह और ऊधमपुर के कमांड अस्पतालों में घायल सैनिकोें का इलाज किया जा रहा है। यहां भर्ती इन 150 सैनिकों में से 30 की हालत काफी गंभीर है।

पहाड़ से नीचे फेंका, पत्थरों से कुचला

चीनी सेना ने शहीद और गंभीर रूप से जख्मी भारतीय जवानों में से कई को पहाड़ से नीचे फेंका, कई को गलवान नदी के माइन्स 30 डिग्री वाली बर्फ में गाड़ दिया। अनेक पर बड़े-बड़े पत्थर मार कर उनको घायल कर दिया गया। रक्षा सूत्रों के मुताबिक दरअसल उस दिन भारतीय सैनिक पेट्रोल पॉइंट 14 के पास चीनी सेना द्वारा ताजा गाड़े गए एक टेंट को हटवाने के लिए गए थे, लेकिन लाल सेना ने पहले ही षड्यंत्र बुन रखा था। उसने भारतीय सैनिकों की आपत्ति के तुरंत बाद टेंट को आग लगा दी और हमला कर दिया। करीब 200 भारतीय सैनिकों पर 900 से अधिक चीनी सैनिकों ने हमला कर बंधक बना लिया और लकड़ी और लोहे के डंडों पर कंटीले तार लपेट बनाए हथियारों से मारा। हालांकि भारतीय सैनिकों ने कम संख्या के बावजूद बहादुरी से प्रतिरोध किया। जिससे कई चीनी सैनिक भी इसमें मारे गए।

 बदला चाहते हैं सैनिक

इस बीच लद्दाख में तैनात जवान अपने साथियों की शहादत का बदला चाहते हैं। चीन के सैनिकों से हिंसक झड़पों में सेना के कर्नल समेत 20 से ज्यादा सैन्यकर्मियों की शहादत से देशभर में लोगों में गम और गुस्सा है।

 भारत का राम चीन के ड्रैगन के सामने : ताइवान टाइम्स 

सोशल मीडिया साइट्स पर बड़ी संख्या में हॉन्ग कॉन्ग और ताइवान के लोगों ने भारत के प्रति अपने समर्थन का इजहार किया है। बता दें कि ये लोग चीन की अमानवीय कार्रवाई और धमकियों से बहुत परेशान हैं। चीन ने हॉन्ग कॉन्ग पर जहां नया सुरक्षा कानून जबरदस्ती थोपने की कोशिश की है, वहीं ताइवान को वह अपने में मिलाने के लिए सैन्य कार्रवाई की धमकियां देता रहता है।

 तो 30 मिनट में वायुसेना तोपें बॉर्डर पर पहुंचा देगी 

चीन से लगी सीमा की स्थिति को देखते हुए वहां सैनिक साजो सामान पहुंचाना सबसे दुर्गम काम होता है, पर भारतीय वायुसेना का कहना है कि वह आदेश मिलने पर मात्र आधे घंटे में ही चीन सीमा पर टैंकों और तोपखानों को पहुंचा देगी। गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में भारतीय सेना व वायुसेना मजबूत स्थिति में हैं। दौलतबेग ओल्डी समेत तीन एडवांस लैंडिंग ग्राउंड बनने से सैन्य क्षमता में कई गुना इजाफा हुआ है। दो साल पहले वायुसेना ने 500 टन के साजो सामान से भरे ग्लोब मास्टर समेत अपने सोलह बड़े विमानों को उतारकर चीन को स्पष्ट संकेत दे दिया था कि अब वह किसी गलतफहमी में न रहे।

 हवाई पट्टियों ने बढ़ाई ताकत, चिढ़ा चीन 

भारत के पास दुनिया की सबसे ऊंची हवाई पट्टी भी है और दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धस्थल सियाचिन ग्लैशियर पर लड़ने का अनुभव भी है। माना जाता है कि दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) वह क्षेत्र है, जिससे अक्साई चिन में चीन की हर हरकत पर भारतीय सेनाओं की नजर रहती है। कारकोरम, अक्साई चिन, जियांग, गिलगित बाल्टिस्तान व पाक के कब्जे वाले कश्मीर तक चीन के मंसूबों को रोकने और वास्तविक नियंत्रण रेखा से महज 8 किमी दूर चीनी सेना के हर दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब देने में डीओबी भारत के लिए तुरुप का पत्ता है। पिछले कई सालों में भारत ने लद्दाख सेक्टर में कई एयरफील्ड को खोलकर अपनी ताकत को कई गुना मजबूत किया, इससे भी चीन झुंझलाया हुआ है।

 सामरिक रूप से महत्वपूर्ण एयरफील्ड्स 

दौलत बेग ओल्डी : चीन सीमा से सिर्फ आठ किलोमीटर दूर।

नियोम :दूरदराज की चौकियों तक रसद पहुंचाते हैं।

फुकचे : लद्दाख में चीनी हेलिकॉप्टर के आने के बाद शुरू हुइ

 तीनों सेनाएं अलर्ट, छुट्टियां रद्द 

गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद मोदी सरकार एक्शन में आ गई है। सूत्रों के मुताबिक इंडियन आर्मी ने सभी जवानों की छुट्टियां कैंसल कर दी हैं। जल, थल और वायुसेना पूरी तरह से अलर्ट पर हैं। केंद्र सरकार ने तीनों सेनाओं को हथियारों की खरीद करने की छूट दी है। विवाद को सुलझाने के लिए भारत ने बातचीत की पेशकश की थी, लेकिन सूत्रों के मुताबिक, सोमवार रात हुई हिंसा के बाद सरकार इसमें अब कोई ढिलाई नहीं बरतना चाहती है। नौसेना को मलक्का स्ट्रेट के पास, या फिर जरूरत के मुताबिक काउंटर के लिए इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में कहीं भी तैनाती को लेकर आगे बढ़ने के निर्देश दिए गए हैं। फाइटर प्लेन की तैनाती को और आगे बढ़ाया गया है। वहीं, प्रधानमंत्री ने 19 जून को शाम पांच बजे सर्वदलीय बैठक भी बुलाई है।

 चीन की सोची समझी साजिश : जयशंकर 

गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के लिए भारत ने सीधे तौर पर चीन को जिम्मेदार ठहराया है। इस मामले पर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच फोन पर चर्चा हुई। विदेश मंत्री ने कहा कि यह कदम चीन ने सोच-समझकर उठाया था। इस बीच सीमा पर तनाव कम करने के लिए दोनों देशों के बीच मेजर जनरल स्तर पर बातचीत हुई। न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रोें के हवाले से बताया कि इस बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला है। गलवान में हालात जस के तस हैं।

वीरता सदा देश रखेगा याद

सैनिकों की वीरता राष्ट्र की स्मृति में सदा रहेगी। उनके परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर के रूप में, मैं देश की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए हमारे सैनिकों के अनुकरणीय साहस और सर्वोच्च बलिदान को नमन करता हूं। - रामनाथ कोविंद,राष्ट्रपति

 हर इंच जमीन की रक्षा करेंगे

मैं शहीदों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं, जवानों और उनके परिवार को भरोसा दिलाता हूं कि देश आपके साथ है।भारत अपने स्वाभिमान और हर एक इंच जमीन की रक्षा करेगा। हम किसी को उकसाते नहीं हैं, लेकिन देश की अखंडता और संप्रभुता के साथ समझौता भी नहीं करते हैं। - नरेंद्र मोदी,प्रधानमंत्री