‘मेक इन इंडिया' के लिए जो नीतियां लागू की हैं, उनमें कोई बदलाव नहीं होना चाहिए

‘मेक इन इंडिया' के लिए जो नीतियां लागू की हैं, उनमें कोई बदलाव नहीं होना चाहिए

नई दिल्ली। उद्योग मंडल फिक्की की इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) पर गठित समिति की प्रमुख सुलज्जा फिरोदिया मोटवानी ने कहा है कि सरकार को 'मेक इन इंडिया' पहल के प्रावधानों को किसी के लिए हल्का नहीं करना चाहिए और एक सुसंगत नीति का पालन करना चाहिए। मोटवानी का यह बयान अमेरिकी इलेक्ट्रिक कार विनिर्माता टेस्ला के भारत में अपना कारखाना स्थापित करने के लिए की जा रही विशेष रियायतों की मांग के बीच आया है। बैटरी चालित तिपहिया वाहन, स्कूटर एवं ई-साइकिल की बिक्री करने वाली कंपनी काइनेटिक ग्रीन की संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी मोटवानी ने बातचीत में ईवी खंड के विकास के लिए एक समग्र पारिस्थितिकी के विकास पर भी जोर दिया।

मोटवानी ने कहा, ''मेरा मानना है कि सरकार ने 'मेक इन इंडिया' के लिए जो नीतियां लागू की हैं, उनमें कोई बदलाव नहीं होना चाहिए क्योंकि अब लोगों ने ईवी के स्थानीय विनिर्माण में निवेश करना शुरू कर दिया है। अगर इसका सही तरह से पालन नहीं किया गया तो विनिर्माता चीन समेत अन्य देशों का रुख कर सकते हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या टेस्ला को भारतीय बाजार में प्रवेश करने के लिए सरकार से नीतिगत समर्थन मिलना चाहिए, मोटवानी ने कहा, मुझे इस प्रस्ताव का ब्योरा नहीं मालूम है लेकिन मुझे लगता है कि यह बड़े निवेश का मामला है। फिर भी मुझे निजी तौर पर लगता है कि नीति को लेकर भ्रम नहीं होना चाहिए और यह सुसंगत होनी चाहिए। मोटवानी ने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए कि एक दिन आप कहें कि मेक इन इंडिया महत्वपूर्ण है.. और फिर आप कहें कि अब शुल्क कम हो गए हैं।

नीति दीर्घकालिक और सुसंगत होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत को निश्चित रूप से मेक इन इंडिया पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए क्योंकि इससे दीर्घकालिक प्रतिस्पर्धा पैदा होगी। उन्होंने कहा, ऐसा नहीं होने पर हम एक ऐसा देश बन जाएंगे जहां ईवी उपयोगकर्ता तो हैं लेकिन उनके उत्पादन के लिए सामग्री दूसरे देशों से आ रही है। उन्होंने अगले कुछ वर्षों तक इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग को बनाए रखने के लिए ईवी खरीद के लिए दिया जा रहा प्रोत्साहन जारी रखने की जरूरत है। मोटवानी ने कहा कि उद्योग निकाय इलेक्ट्रिक एवं हाइब्रिड वाहनों के प्रोत्साहन के लिए संचालित 'फेम इंडिया' योजना के तीसरे संस्करण के तहत प्रोत्साहन पाने के लिए 20 लाख रुपए तक की कीमत वाली इलेक्ट्रिक कारों को शामिल करने पर भी जोर दे रहा है।

युवाओं से सुझाव मांगेगी सरकार: बीवीआर सुब्रमण्यम

नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) बी वी आर सुब्रमण्यम ने रविवार को कहा कि भारत को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के अपने दृष्टिकोण को साकार करने के लिए सरकार युवाओं से सुझाव मांगेगी। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम विश्वविद्यालयों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों के माध्यम से संचालित किया जाएगा। सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम ने कहा कि विकसित भारत के बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी युवाओं के विचार जानने के लिए सोमवार को 700 से अधिक विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की देशभर के राजभवनों में आयोजित कार्यशालाओं को संबोधित करेंगे।