तैयारी में निराशा का दौर भी आया, फिर लगा खुद पर भरोसा रखो और पेरेंट्स-टीचर्स भी साथ है

तैयारी में निराशा का दौर भी आया, फिर लगा खुद पर भरोसा रखो और पेरेंट्स-टीचर्स भी साथ है

I am Bhopal नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की ओर से मंगलवार को जेईई मेन सेशन-1 का परिणाम घोषित किया गया। भोपाल में जेईई मेन का हाईएस्ट स्कोर 99.99 परसेंटाइल रहा, जो कि ओजस वार्ष्णेय ने हासिल किया। सोहम सहस्त्रबुद्धे ने 99.95 परसेंटाइल स्कोर किया। विनायक वर्मा ने 99.92 परसेंटाइल प्राप्त किए। वहीं आदित्य तिवारी ने 99.91 परसेंटाइल प्राप्त किए। जेईई मेन में सफल छात्रों को एनआईटी सहित राज्य स्तरीय इंजीनियरिंग कॉलेज और विश्वविद्यालय में प्रवेश का मौका मिल सकेगा। टॉप आईआईटी कॉलेजों में प्रवेश के लिए स्टूडेंट्स का रास्ता आगामी जेईई एडवांस के एग्जाम से हो पाएगा।

ओजस वार्ष्णेय परसेंटाइल: 99.99

सफलता के लिए धैर्य और सतत अभ्यास बहुत जरूरी है। जेईई मेन परीक्षा के लिए मैं पिछले दो वर्षो से तैयारी में लगा था। मुझे इतने मार्क्स की उम्मीद नहीं थी। इस एग्जाम को अटेम्प्ट करने वाले प्रतिभागियों को मैथ्स और फिजिक्स के फॉर्मूले क्लियर होना चाहिए। मैं रोजाना 8 से 10 घंटे के लिए पढ़ाई करता था। अभी मैं जेईई के एडवांस एग्जाम के लिए विशेष तैयारी करूंगा। मुझे यह बहुत अच्छा स्कोर मिला तो लग रहा है मेहनत सफल हो गई। कभी-कभी तनाव होता था लेकिन फिर लगता था कि यह स्थिति सभी के साथ है यह सोचकर फिर पढ़ाई में जुट जाता है।

सोहम सहस्त्रबुद्धे परसेंटाइल: 99.95

मैं 11 वीं कक्षा से तैयारी कर रहा था। कोचिंग के नोट्स फॉलो करता हूं। कहीं कुछ समझ नहीं आता तो उसी दिन सर से पूछ लेता था। मुझे लगता है किसी टॉपिक को पसंद-नापसंद के आधार पर छोड़ना नहीं चाहिए। मैंने एनटीएसई और ओलंपियाड भी क्रेक किया। जेईई के लिए मेरा फोकस मॉक टेस्ट और पुराने पेपर्स पर रहा। मैं रोजना 10 से 12 घंटे पढ़ाई करता था। मॉक टेस्ट समयस मय पर देता हूं। अब एडवांस की तैयारी पर मेरा फोकस है।

विनायक वर्मा परसेंटाइल: 99.92

मैं 11 वीं से तैयारी कर रहा था। रोजाना कोचिंग के अलावा 5 से 6 घंटे पढ़ाई करता था, मैंने सभी सब्जेक्ट को बराबर समय दिया। टाइम टैबल सेट कर पढ़ाई की। अभी मेरा ध्यान पूरी तरह एडवांस के साथ टॉप आईआईटी कॉलेज में प्रवेश लेने पर है। मेरी सफलता का श्रेय मेरे पेरेंट्स व टीचर्स को जाता है, जिनकी वजह से इस परीक्षा में इतने अच्छे मार्क्स मिले। यह परीक्षा कठिन है तो कई बार डर भी लगता लेकिन पेरेंट्स, फ्रेंड्स व टीचर्स मोटिवेट करते हैं।

आदित्य तिवारीा परसेंटाइल: 99.91

मैं अप्रैल में फिर से जेईई मेन दूंगा ताकि और अच्छा स्कोर कर सकूं। पेपर में अलग- अलग सेट आते हैं जिसमें कभी-कभी कोई सेट कठिन आ जाता है। बाकि मेरा ध्यान जेईई एडवांस पर है जिससे आईआईटी में पढ़ सकूं। तैयारी के दौरान कई बार अच्छे अंक न आने पर निराशा होती है लेकिन इसका तनाव नहीं लिया क्योंकि ऐसा हम सभी के साथ कभी न कभी होता है लेकिन अपने पर विश्वास रखकर फिर से जुटना होता है।

परम सक्सेना परसेंटाइल: 99.87

मैंने 9 वीं क्लास से तैयारी शुरू कर दी थी, इसका फायदा यह हुआ कि 11 वीं व 12 वीं में जेईई मेन का प्रेशर नहीं आया क्योंकि पैटर्न से फैमिलियर हो गए थे। इस बार का पेपर सरल और कठिन दोनों तरह का था। अब मैं अप्रैल सेशन भी दूंगा हालांकि मेरा यह पेपर भी अच्छा गया लेकिन अप्रैल सेशन में और बेहतर करने की कोशिश करूंगा। मैंने कोचिंग में 5 घंटे और फिर सेल्फ स्टडी 5 घंटे की।

संकल्प ओंकार परसेंटाइल: 99.87

एनटीएसई और ओलंपियाड भी क्रेक किया। मेरे कई दोस्त हैं जो कि 10 वीं के पहले तक पढ़ाई में बहुत गंभीर नहीं थे लेकिन फिर उनका रूझान स्टडीज की तरफ बढ़ गया तो ऐसा नहीं सोचना चाहिए कि बचपन से ही अच्छा पढ़ने वाला स्टूडेंट्स प्रतियोगी परीक्षा क्रेक कर सकता है, यह कोई भी कर सकता है यदि समझदारी से पढ़ाई करें। पेरेंट्स मेहतन हमारे लिए कर रहे हैं तो हम भी कुछ बेहतर करें।

तनिष्क गोधा परसेंटाइल: 99.86

मैं11 वीं से तैयार कर रहा हूं, क्योंकि मुझे पता नहीं था कि 9 वीं से कोचिंग शुरू हो जाती है। हालांकि मुझे लगता था जो पहले से तैयारी कर रहे हैं वो जरूर सिलेक्ट होंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 11 वीं से कोचिंग करके अच्छी मेहतन करें तो रिजल्ट अच्छा आता है। तैयारी के दौरान काफी उतार-चढ़ाव आते हैं क्योंकि कभी कोचिंग में रैंक अच्छी आती है तो कभी नहीं। दोस्तों को सपोर्ट मिलता है क्योंकि वो मदद करते हैं। मैं अब एडवांस पर फोकस कर रहा हूं।