बैन से परेशानी, दुनिया में चावल की कीमत 12 साल के हाई पर

बैन से परेशानी, दुनिया में चावल की कीमत 12 साल के हाई पर

नई दिल्ली। भारत ने हाल में गैर बासमती सफेद चावल के एक्सपोर्ट पर बैन लगा दिया था। देश में चावल की बढ़ती कीमत को थामने के लिए सरकार ने यह फैसला किया था, लेकिन इससे दुनियाभर में चावल की कीमत में भारी तेजी आई है। यूएन की फूड एजेंसी फूड एंड एग्रीकल्चर आॅर्गनाइजेशन (एफएओ) के मुताबिक, जुलाई में राइस प्राइस इंडेक्स 2.8% की तेजी के साथ 12 साल के हाई पर पहुंच गया है। इसमें पिछले साल जुलाई के मुकाबले 20% तेजी आई है और यह सितंबर 2011 के बाद उच्चतम स्तर पर है। मजबूत मांग और भारत के बैन से चावल की कीमत बढ़ी है। ग्लोबल एक्सपोर्ट में भारत की 40% हिस्सेदारी : भारत दुनिया में चावल का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है। ग्लोबल एक्सपोर्ट में भारत की 40% हिस्सेदारी है। भारत ने पिछले महीने गैर बासमती सफेद चावल के एक्सपोर्ट पर बैन लगा दिया था। देश से एक्सपोर्ट होने वाले कुल चावल में गैर बासमती सफेद चावल की हिस्सेदारी करीब 25% है। भारत के अलावा थाईलैंड, वियतनाम, कंबोडिया और पाकिस्तान चावल के प्रमुख एक्सपोर्टर हैं। चावल आयात करने वाले देशों में चीन, फिलीपींस, बेनिन, सेनेगल, नाइजीरिया और मलेशिया प्रमुख हैं। उल्लेखनीय है कि भारत के चावल पर बैन लगाने से अमेरिका में हड़कंप मच गया था। भारतीय मूल के लोग स्टॉक जमा करने के लिए दुकानों पर टूट पड़े। वहीं रूस ने यूक्रेन के बंदरगाहों से अनाज ले जाने वाले जहाजों को सुरक्षित रास्ता देने वाले डील से किनारा कर लिया। इससे जुलाई में खाने-पीने की चीजों की कीमत में बढ़ोतरी हुई।

पांच करोड़ लोगों पर आफत

अफ्रीका के कई गरीब देश अनाज की सप्लाई के लिए रूस और यूक्रेन पर निर्भर हैं। युद्ध से पहले यूक्रेन दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा गेहूं निर्यातक था। ग्लोबल एक्सपोर्ट में इसकी 10 % हिस्सेदारी थी। साथ ही यूके्रन जौ, मक्का और सरसों में टॉप तीन एक्सपोर्टर है। पूर्वी अफ्रीका के अनाज इम्पोर्ट में रूस और यूक्रेन की 80 % हिस्सेदारी है। इस देशों में पांच करोड़ लोगों के भूखों मरने की नौबत आ गई है।