तेज ठंड के बीच जीत के लिए पानी में बहाया पसीना हवा और मचलती लहरों में दो भाइयों ने मारी बाजी

पर तेज लहरों और ठंडी हवाओं के बीच काफी तादात में पर्यटक मौजूद थे क्योंकि शुक्रवार का दिन खास था। पहली बार यहां डोंगी रेस का आयोजन किया गया जो कि केरल की स्नेक बोट की तर्ज पर किया गया। केवट समाज से संबंध रखने वाले युवाओं की जुगलबंदी लहरों के बीच हिचकोले खाती नाव को संभालते हुए दिखी। बोरबन, बेहटा ग्राम के साथ ही धरमपुरी, शहीद नगर और संत हिरदाराम नगर की टीमों ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया। वन विहार की तरफ से शुरू होकर यह रेस बोट क्लब की तरफ आकर समाप्त हुई। इस दौरान युवा प्रतिभागी हवा और पानी की लहरों के बीच संतुलन बनाते हुए अपने दम खम को दिखा रहे थे। 10 मिनट की रेस में आखिरी के कुछ सेकेंड्स निर्णायक साबित हुए, एक पल लगा कि दोनों ही डोंगी प्रथम स्थान पर आएगी लेकिन फिर एक दूसरे के पीछे होने के बाद दूसरे स्थान पर आने वाली बोट के नाविकों को पता चल गया कि वे दूसरे स्थान पर हैं और उन्होंने खुशी के मारे तालाब में छलांग लगा दी और फिर विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।
1 इशारे में पतवार बदलने को कहा
पहले स्थान पर आने वाली दो भाई राज और रोहित रायकवार 10 दिन से बड़े तालाब पर तैयारी कर रही थे। राज कहते हैं, हम मछलियां पकड़ने का काम भी करते हैं तो हमारी प्रैक्टिस नाव चलाने की रहती है। बाजुओं में दमखम और एक-दूसरे से इशारे में हम बात कर लेते हैं। नाव चलाने के दौरान मैंने इशारे से पतवार दूसरे हाथ में बदलने को कहा तो भाई समझ गया। आपसी तालमेल की वजह से हम यह प्रतियोगिता जीत सके।
2 डोंगी उछल रही थी, संतुलन बनाना बड़ी चुनौती
विशाल रायकवार और सुधीर रायकवार की जोड़ी ने दूसरा स्थान हासिल किया। विशाल ने दूसरे स्थान हासिल करते ही खुशी के मारे तालाब में छलांग लगा दी। सुधीर ने कहा हम दोनों दोस्त हैं और बड़े तालाब पर लगभग 12 दिन से तैयारी कर रहे थे और इससे पहले संत हिरदाराम नगर में होने वाली बोट रेस में भाग ले चुके हैं। यह दूसरा मौका था और हवा और लहरे बहुत उछाल रही थीं तो बोट के संतुलित करते हुए चलाने में बहुत दम लगी।